अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने छोटे से कार्यकाल में ही इतने सारे चौंकाने वाले फैसले लिये कि अब उनकी राजनीति नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं। गुरूवार को ट्रंप ने कांग्रेस में 11 सौ अरब डॉलर यानि करीब 72 हजार अरब रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा। जिसमे विदेशी सहायता के बजट में से 28 फीसदी कटौती का प्रस्ताव किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मई में अपना पहला बजट पेश करना है। इससे पहले उन्होंने आने वाले बजट की रूपरेखा पेश करते हुए देश के रक्षा मामलों के बजट में इजाफा किया तो वहीं दूसरी तरफ विदेशी सहायता के फंड में 20 फीसदी कटौती करने का भी प्रस्ताव रखा। ट्रंप के इस फैसले पाकिस्तान समेत कई देशों को झटका लगा है जो काफी मात्रा में अमेरिका से सहायता राशि लेते हैं। यह कटौती पाकिस्तान जैसे देशों की आर्थिक कमर तोड़ने की एक पहल साबित हो सकती है। 9/11 के हमले के बाद पाकिस्तान अमेरिका से सहायता राशि प्राप्त करने वाले प्रमुख देशों में से एक है।

अमेरिका से सहायता राशि लेने वाले प्रमुख देशों की सूची:

अफगानिस्तान 4.7 अरब डॉलर

इस्राइल – 3.1 अरब डॉलर

मिस्र – 1.4 अरब डॉलर

इराक – 1.1 अरब डॉलर 

जोर्डन – 1.0 अरब डॉलर 

पाकिस्तान – 74.2 करोड़ डॉलर

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार अभियान के दौरान ही कहा था कि वह विदेशों में कम धन खर्च करना चाहते हैं ताकि अपने देश के लिए ज्यादा धन बच सके और दूसरे देश से अपने देश में  अतिरिक्त धन ला सके। इस बार ट्रंप के पहले बजट से पहले उन्होंने अपने लक्ष्य की झल्कियां दिखानी शुरू कर दी हैं। अमेरिका में चालू वित्त वर्ष में विदेशी सहायता पर 40 अरब डॉलर से अधिक खर्च करने का प्रस्ताव है।  इसमें करीब 60 फीसदी धन आर्थिक एवं विकास सहायता तथा 40 फीसदी सुरक्षा के लिए होगा। व्हाइट हाउस में पेश बजट के प्रस्ताव में ट्रंप ने देश की रक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का प्रयास किया है। बजट में देश के रक्षा बजट में 54 अरब डॉलर के इजाफे का प्रस्ताव किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here