Iran ने कहा- रूस की तरह हमसे भी तेल खरीदे भारत, जानें क्या है पूरा मामला…

संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले को लेकर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा भी कर सकते हैं।

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ईरान के राष्ट्रपति
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Iran: भारत को फिर से तेल बेचने के लिए ईरान (Iran) ने एक बार अपनी इच्छा जताई है। ईरान का कहना है कि भारत उसके साथ रूस की तरह पेश आए। एक रिपोर्ट की मानें, तो ईरान ने इच्छा जताई है कि भारत अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद जब रूस से तेल ले रहा है तो, उसे ईरान से भी तेल लेना चाहिए। मालूम हो कि ईरान पर 2019 में अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया था। तब ईरान ने भारत के इस कदम पर नाराजगी भी जाहिर की थी। उसने माना था कि भारत ने यह कदम अमेरिका के दबाव में उठाया है।

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Iran: प्रधानमंत्री मोदी के साथ ईरान के राष्ट्रपति जल्द ही कर सकते हैं चर्चा

दरअसल, यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका का मानना है कि रूस वैश्विक नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कर रहा है और यूक्रेन से युद्ध कर रहा है। लेकिन, इन प्रतिबंधों के बावजूद भी भारत, रूस से तेल खरीद रहा है। इसी को देखते हुए अब ईरान ने भी कहा है कि भारत, रूस की तरह उससे भी तेल ले।

भारत ने 2019 से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद से तेल लेना बंद कर दिया था। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले को लेकर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा भी कर सकते हैं। इन दोनों नेताओं की मुलाकात उज़्बेकिस्तान में होने जा रही SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में हो सकती है। यह बैठक 15 और 16 सितबंर को उज़्बेकिस्तान में आयोजित की जा रही है।

बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी शामिल होंगे।

भारत दूसरा सबसे बड़ा रहा है तेल खरीदार

मालूम हो कि भारत ने 2019 से ईरान से तेल लेना बंद कर दिया है। आंकड़ों की बात करें तो, ईरान से तेल लेने के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार रहा है। वहीं, पहले स्थान पर चीन है। ईरान के राजदूत ने यह दावा किया कि अगर भारत, तेल आयात नहीं रोकता तो अभी तक तेल कारोबार भारत का ईरान के साथ 30 से 35 बिलियन तक पहुंच गया होता, जो कि साल 2018-19 में 17 बिलियन डॉलर तक था।

ईरान के राजदूत ने विदेश मंत्री से की थी चर्चा

हाल ही में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने तेल सप्लाई शुरू करने के लिए विदेश मंत्री से चर्चा भी की थी। वहीं,जब बीते जून में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर भारत के दौरे पर आए थे, तो उन्होंने इस मामले में पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत की थी।

मालूम हो कि जब भारत ने 2019 में ईरान से तेल लेना बंद कर दिया था,तो ईरान भारत के इस फैसले से निराश हुआ था। तब के ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा था कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का प्रतिरोध करना चाहिए था। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि भारत, अमेरिका का विरोध नहीं करना चाहता है, लेकिन विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत को अपनी हितों की रक्षा करनी चाहिए। इसपर भारत ने कहा था कि हम किसी देश के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं बल्कि यूएन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को मानते हैं।

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