कोकाकोला और पेप्सी जैसे पेय पदार्थ हमारे शरीर के लिये बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।  तमिलनाडु सरकार नें इस बात को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च से कोक और पेप्सी पर रोक लगा दी है। कंपनियों को इस बात की ख़बर पहले ही लग गई थी कि तमिलनाडु में सॉफ्ट ड्रिंक्स बंद होने वाली है। जिससे कोक और पेप्सी को बहुत बड़ा झटका लगा है। बता दें कि ये फैसला तमिलनाडु के दो बड़े व्यापार संगठनों ने लिया है। तमिलनाडु के व्यापार संगठन ने पेप्सी और कोका-कोला कंपनियों के किसी भी सामान की बिक्री पर राज्य में रोक लगा दी है।

तमिलनाडु वानिगर संगम और तमिलनाडु ट्रेडर्स फेडरेशन का कहना है कि दोनों कंपनियों पर पानी के अनुचित इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। इस वजह से राज्य में हर साल सूखे के हालात हो जाते हैं। किसानों को खेतों के लिए पानी नहीं मिल पाता है। तमिलनाडु के कई जिलों में तो पीने के लिए भी पानी नहीं है जबकि ये मल्टी- नेशनल कंपनियां बेधड़क राज्य के जल स्रोतों का इस्तेमाल करते हुए अपना उत्पादन जारी रखती हैं। इसी कारण प्रदेश में पेप्सी और कोका-कोला जैसे उत्पादों पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश सरकार नें कोका-कोला कंपनी का 71.34 एकड़ भूमि आवंटन भी रद्द कर दिया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों जलिकट्टु के प्रदर्शन के दौरान ही व्यापारियों ने इन उत्पादों की ब्रिकी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई थी। इस दौरान कई लोगों ने इन दोनो कंपनियों के उत्पादों का विरोध शुरु किया था। सरकार और प्रदेश का उद्देश्य यह है कि स्वदेशी अपनाना है और विदेशी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगानी है। जिससे हमारे देश में विदेशी उत्पाद की बिक्री कम हो सकती है।

तमिलनाडु के ट्रेडर यूनियन के अध्यक्ष ए एम विक्रमराजा ने कहा, “ये पदार्थ हमारे शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें से एक ब्रांड ने तो माना भी है कि उसका उत्पाद बच्चों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि उसमें कैमिकल हैं।” दुकानदारों और लोगों को बताया जा रहा है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स में कई प्रकार के कैमिकल्स होते हैं। संगठन के लोगों का यह कहना है कि इन उत्पादों को बंद करने की जिम्मेदारी सरकार की है। गौरतलब है कि एक सर्वे के आंकड़ों के अनुसार कोका-कोला और पेप्सी की 80 प्रतिशत मार्केट भारत में है।

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