कौन थे Babasaheb Purandare? जिनका निधन सोमवार को पुणे में हुआ

0
505
Babasaheb Purandare (Pic: Twitter)

प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक Babasaheb Purandare का सोमवार सुबह निधन हो गया है। 99 साल के पुरंदरे को शनिवार को पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ धनंजय केलकर ने बताया, “बुढ़ापे और न्यूमोनाइटिस से जुड़ी बीमारियों के कारण सुबह लगभग 5.07 बजे उनका निधन हो गया। वे कल शाम से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। ”

उनके पार्थिव शरीर को उनके घर के पार्वती इलाके में लाया गया है जहां उनके चाहने वालों और प्रशंसकों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। उनका अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे श्मशान घाट में हुआ।

बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे अपने व्यापक कार्यों के कारण जीवित रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। शांति।”

प्रसिद्ध लेखक और रंगमंच के व्यक्तित्व थे

बाबासाहेब पुरंदरे देश के एक प्रसिद्ध लेखक और रंगमंच के व्यक्तित्व थे। उनका जन्‍म पुणे जिले के सासवड में 29 जुलाई 1922 को हुआ था। वे छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के इतिहास पर काम करने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने शिवाजी, उनकी प्रशासन शैली, साथ ही उस समय के किलों पर कई किताबें लिखी हैं। उन्होंने छत्रपति महाराज के जीवन और नेतृत्व पर एक लोकप्रिय नाटक “जनता राजा” का भी निर्देशन किया था।

बाबासाहेब पुरंदरे की प्रमुख किताबें

अपने करियर में उन्‍होंने छत्रपति शिवाजी की दो-खंड की जीवनी सहित कई किताबें लिखीं। उनकी प्रमुख किताबों में ”राजा शिव छत्रपति”, ”केसरी”, “महाराज”, “शेलार खिंद”, “गडकोट किल्ले”, “आगरा”, “लाल महल”, “पुरंदर”, “राजगढ़”, “पनहलगढ़”, “सिंहगढ़”, “प्रतापगढ़”, “फुलवंती”, “पुरंदरियांची दौलत”, “मुजर्याचे मंकारी”, “सावित्री” और “कलावंतिनिचा सज्जा” शामिल हैं।

2015 में महाराष्ट्र सरकार ने उनको महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। 2019 में उन्‍हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिला था।

यह भी पढ़ें: Maharashtra Congress अध्यक्ष Nana Patole बोले- Devendra Fadnavis और Nawab Malik द्वारा लगाए गए आरोपों की हो जांच

Maharashtra: राज्यपाल कोश्यारी से मिला वानखेड़े परिवार, पत्नी क्रांति बोलीं- हम सच्चाई की लड़ाई लड़ेंगे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here