गया जी में क्यों किया जाता है पिंडदान?

पितृ पक्ष में कैसे करें पितरों को खुश

गया को पितृ तीर्थ भी कहा जाता है

पृत पक्ष में पिंडदान का बहुत महत्व है

गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है

कहा जाता है कि गया में भगवान राम ने पिता राजा दशरथ के लिए तर्पण किया था

मान्यता है कि गया में पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है

किंवदंतियों के अनुसार, भगवान श्रीहरि यहां पर पितृ देवता के रूप में विराजमान रहते हैं

पितृ पक्ष के दिनों में लोग अपने पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध संपन्न कराते हैं

पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर पिंड दान, तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है

यदि आपको तिथि याद न हो तो महालया अमावस्या पर सभी के नाम का श्राद्ध कर सकते हैं

पितृ पक्ष के दौरान यमराज भी पितरों की आत्मा को मुक्त कर देते हैं

पितृ पक्ष में पितर पितृ लोक से धरती पर आते हैं

यदि पितरों का नाम मालूम नहीं है तो 'अंतरिक्ष' शब्द का उच्चारण कर सकते हैं

इस शब्द को बोल कर भी आप पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं

पितृ जब प्रसन्न होते हैं तो हमारे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है

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