मां स्कंदमाता को इस मंत्र से करें खुश

नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है.

मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं.

माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं.

 इस देवी की चार भुजाएं हैं.

देवी भगवती अपनी असीम अनुकंपा सभी पर बनाए रखें, इसके लिए जरूरी है उनका विधि-विधान के साथ पूजन.

स्कंदमाता पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निमार्ण करने वाली देवी हैं.

कहते हैं इनके आशिर्वाद से मूर्ख भी ज्ञानी बन जाता है.

मंत्र- सिंहसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥

पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें.

इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें.

फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा करें.

मां की अराधना सिंहसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥ जप करके की जाती है.

इसके बाद माता स्कंदमाता को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें.

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