मिर्जा गालिब की आज जयंती है

गालिब वो नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है

गालिब से पहले गजल को महज आशिकी से जोड़ कर देखा जाता था

गालिब न सिर्फ शायरी के लिए बल्कि अपने खतों के लिए भी बहुत मशहूर हैं

गालिब सबसे ज्यादा अपने अंदाज-ए-बयां के लिए मशहूर हैं

मिर्जा गालिब के जीवन की खास बात ये है कि उन्होंने कभी रोजी रोटी कमाने के लिए कोई काम नहीं किया

यहां तक कि गालिब को जो लोकप्रियता आज हासिल है वह उन्हें उनके मरने के बाद हासिल हुई

गालिब 11 साल की उम्र से शायरी किया करते थे

उन्हें उर्दू,फारसी और तुर्की का इल्म था

उन्हें मिर्जा नौशा के नाम से भी जाना जाता था

वे बहादुर शाह जफर को शायरी भी सिखाते थे

मिर्जा गालिब को मुगलिया दरबार द्वारा इतिहास लिखने का काम भी सौंपा गया था

मिर्जा गालिब की जिंदगी पेंशन के सहारे ही चलती थी

उन्हें पेंशन के तौर पर 62 रुपये 8 आने मिलते थे

ग्रहों से हैं परेशान तो रोजाना सुबह उठकर कर लें बस ये काम...