विद्या की देवी को करें प्रसन्न.
विधाता ने सृष्टि का संचालन करने के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं को नियुक्त किया है.
मां सरस्वती
विद्या और बुद्धि की देवी
हैं.
यदि किसी जातक की कुंडली में विद्या बुद्धि का योग और शिक्षा में बाधा का योग हो तो इनके विशेष पूजन से इस दोष से मुक्ति मिलती है.
छात्र की एकाग्रता नहीं बन पाती उन्हें प्रतिदिन सरस्वती वंदना का पाठ करना चाहिए.
पढ़ने के स्थान पर मां सरस्वती का चित्र स्थापित करें.
विद्या की देवी का मूल मंत्र है- "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः".
अपने रूम में मां सरस्वती का बीज मंत्र लिखकर टांग लें.
सुनने और बोलने में प्रॉब्लम है तो सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर देवी सरस्वती का बीज मंत्र लिखकर लाल या सफेद धागे में पिरोकर पहन लें.
देवी सरस्वती का पूजन पीले अथवा श्वेत वस्त्र पहनकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए.
सूर्योदय के बाद ढाई घंटे अथवा सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का समय सर्वश्रेष्ठ होता है.
मां को श्वेत चन्दन, पीले-सफेद फूल बहुत प्रिय हैं.
भोग में मिश्री, दही और केसर खीर अर्पित करें.
विद्या दे मां सरस्वती, सब सुखों की मूल, दुष्टों से रक्षा करती हाथ में लिए त्रिशुल।
दिन के किसी भी वक्त ये पंक्तियां बोली जा सकती हैं.
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