जानिए शारदीय नवरात्रि में क्या हैं गरबे का महत्‍व

गरबा एक पुरातन शब्‍द है, जिसका अर्थ होता है गर्भ दीप

गर्भ दीप को स्‍त्री के गर्भ की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है

इसी शक्ति की मां दुर्गा के स्‍वरूप में पूजा की जाता है

नवरात्र के 9 दिनों में मां भगवती को प्रसन्‍न करने के उपायों में से एक इस नृत्‍य को माना जाता है

गरबा नृत्‍य के माध्‍यम से मां दुर्गा को प्रसन्‍न करने के लिए मनाया जाता है

गरबा शुरू करने से पहले दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर मां शक्ति का आह्वान किया जाता है

नवरात्र की पहली रात गरबा की स्थापना की जाती है

इसके बाद महिलाएं इसके चारों ओर ताली बजाते हुए फेरे लगाती हैं

फिर इसी ‘गरबा’ के चारों ओर नृत्‍य कर महिलाएं मां दुर्गा को प्रसन्‍न करती हैं

गरबा नृत्‍य के दौरान महिलाएं 3 तालियों का प्रयोग करती हैं

दरअसल ये 3 तालियां इस पूरे ब्रह्मांड के त्रिदेव ब्रह्मा, विष्‍णु और म‍हेश को समर्पित होती हैं

गरबा नृत्‍य में ये तीन तालियां बजाकर इन तीनों देवताओं का आह्वान किया जाता है

इन 3 तालियों की ध्‍वनि से जो तेज और तरंगें उत्‍पन्‍न होती हैं

उस शक्तियों से स्‍वरूप मां अंबा जागृत होती हैं

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