देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं
इस साल देवउठनी एकदशी 04 नवंबर, 2022 को मनाई जाएगी
इस दिन से सभी मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश क्रिया, उपनयन संस्कार फिर शुरू हो जाते हैं
इस दिन कुछ विशेष उपायों के करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है
भगवान विष्णु जब निद्रा में चले जाते हैं
चार महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान है
इस दिन भगवान विष्णु को जगाया जाता है
भक्त आंगन को रंगोली से सजाते हैं
फिर उस स्थान पर गन्ने का मंडप बनाया जाता है
जिसमें भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप की पूजा की जाती है
पूजा के दौरान ‘उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये, त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्’ इस मंत्र का 11 बार जाप करना शुभ होता है
इस दिन घी के 11 दीपक जलाने की भी परंपरा है
इस दिन धूमधाम के साथ तुलसी विवाह भी कराया जाता है
छठ में क्यों लगाया जाता है नाक तक सिंदूर, देखें यहां...
Click Here