कार्तिक अमावस के मौके पर धरा से अंधकार मिटाने के लिए दिवाली पर दीये जलाते हैं
दिवाली के दिन सिर्फ देवी लक्ष्मी के लिए ही नहीं बल्कि पित्तरों के लिए भी दीये जलाए जाते हैं
दिवाली की अमावस के मौके पर पित्तरों की रात आरंभ होती है
बंगाल में इस प्रथा का विशेष महत्व माना गया है
दूसरी तरफ, हिंदू धर्म में पंचतत्वों की भूमिका महत्वपूर्ण है
उसी के द्वारा ही संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना हुई है
जल, वायु, अग्नि, आकाश और भूमि ये पंचतत्व होते हैं
मिट्टी का दीया इन पांचों तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है
मिट्टी के दीए के अंदर यह पांचों तत्व विद्यमान होते हैं
इस कारण इसकी महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है
जब इसे जलाया जाता हैं तो यह तीनों लोकों एवं तीनों काल का भी प्रतिनिधित्व करता है
इसमें मिट्टी का दीया हमें पृथ्वी लोक और वर्तमान को दिखाता है
जबकि उसमें जलने वाला तेल/घी भूतकाल और पाताल लोक का प्रतिनिधित्व करता है
जब रुई की बत्ती डालकर प्रज्जवलित करते हैं तो वह लौ आकाश, स्वर्ग लोक व भविष्यकाल का प्रतिनिधित्व करती है
अहोई अष्टमी के व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां; जानने के लिए यहां क्लिक करें...
Read More