गुड़ गन्ने के रस से तैयार किया जाता है.

भारत के कोल्हापुर में गुड़ के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है.

गुड़ बनाने का सही समय नवंबर से लेकर अप्रैल तक होता है.

गन्ने की फसल तैयार होने और कटने के बाद इसे गुड़ फैक्ट्री तक लाया जाता है.

गन्ने को कोल्हू में डालकर पेरा जाता है जिसके बाद गन्ने के रस को अलग कर लिया जाता है.

गन्ने के रस को छानकर बड़े से बर्तन में गर्म किया जाता है.

इस रस को लगातार चलाया जाता है.

रस में से गंदगी अलग करने के लिए इसमें भिंडी के पेड़ से एक लिक्विड तैयार करके इस रस में डाला जाता है.

रस में मौजूद गंदगी झाग के रूप में ऊपर जमा हो जाती है, जिसे अलग कर लिया जाता है.

रस उबलते हुए गाढ़ा होने लगता है और इसका रंग भी गहरा होने लगता है.

इसके बाद गुड़ को एक सपाट बर्तन में ठंडा किया जाता है.

ठंडा होने के बाद ही गुड़ अपने आप सख्त हो जाता है.

गुड़ पूरी तरह से ठंडा होने पर इसकी ढली बनाई जाती है.

गुड़ खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है.

सर्दियों में पिएं सेहत से भरपूर गुड़ से बनी चाय...