90 के दशक में अनुराधा पौडवाल की तूती बोलती थी
27 अक्टूबर 1954 में कर्नाटक के करवार जिले के कोंकणी परिवार में अनुराधा पैदा हुईं थी
अनुराधा पौडवाल फिल्म ‘हीरो’ की वजह से रातों-रात बॉलीवुड की मशहूर सिंगर बन गई थीं
अनुराधा ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘अभिमान’ से की थी
इस फिल्म में अनुराधा ने एसडी बर्मन के ही निर्देशन में जया भादुड़ी के लिए एक श्लोक गया था
इसके बाद तो ऐसा समय आया कि हर फिल्म में अनुराधा का ही गाना होता था
हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री के कैसेट किंग माने जाने वाले गुलशन कुमार ने अनुराधा पौडवाल की किस्मत चमकाई थी
गुलशन का साथ मिलते ही अनुराधा पौडवाल की सफलता की बुलंदियों पर पहुंच गईं
‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के लिए लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से अनुराधा को सम्मानित किया गया
अनुराधा ने शास्त्रीय संगीत की ट्रेनिंग नहीं ली, बल्कि खुद लता मंगेशकर को ही सुन-सुन कर घंटों रियाज कर सुर साधा
गुलशन कुमार ने कहा था कि वह अनुराधा को फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी लता बनाएंगे
अनुराधा जब अपने करियर के पीक पर थीं, तभी उनके पति का निधन हो गया
अब लंबे समय से अनुराधा गायन से और लाइम लाइट से भी दूर हैं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आखिरी बार साल 2006 में फिल्म ‘जाने होगा क्या’ में आवाज दी थी
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