माघ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 22 जनवरी से हो गई है.

30 जनवरी को इसका अंतिम दिन होगा.

तंत्र साधनाओं के लिए इस नवरात्रि का खास महत्व होता है.

गुप्त नवरात्रि में  गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए साधना की जाती है.

इसे गुप्त तरीके से किए जाने की वजह से ही इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं.

विशेष कामनाओं की सिद्धि के लिए इस नवरात्रि को बहुत अहम माना जाता है.

गुप्त नवरात्रि में अघोर तांत्रिक महाविद्याओं को सिद्ध करने की उपासना करते हैं.

गुप्त नवरात्रि में कुछ विशेष कार्य करने का मनाही होती है.

गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए.

इसके साथ ही इन दिनों नाखून भी काटने चाहिए.

गुप्त नवरात्रि के दौरान बच्चों का मुंडन संस्कार भी वर्जित माना जाता है.

इन नौ दिनों तक मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.

गुप्त नवरात्रि में पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए.

कब है बसंत पंचमी? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...