उत्तराखंड डे पर जानिए वहां के फेमस लोकगीत
आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उत्तराखंड के मशहूर लोकगीतों के बारे में.
कुमाऊंनी लोकगीत, जिनकी धुनों पर पहाड़ ही नहीं मैदान में भी लोग झूम उठते हैं.
बेडू पाको बारमासा
- मशहूर कुमाऊंनी गीत, जो यहां की पहचान है.
चैत की चैतवाली
- मशहूर गढ़वाली गीत जिसे अमित सागर ने आवाज दी है.
गढ़वाल के महान लोकगायक
स्व. चंद्र सिंह राही
ने फ्वा बाघा रे को घर-घर पहचान दिलाई.
तेरो लहंगा
के भली छाजी रो, रंगीली पिछोड़ी- इसे इंदर आर्या ने गाया है, जो हर पार्टी की शान है.
कल्पना चौहान उत्तराखंड की लता मंगेशकर के रूप में जानीं जातीं हैं.
बारामासा गढ़वाली एल्बम से कल्पना ने पूरे उत्तराखंड और दिल्ली में धूम मचाई.
अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में कुमाऊंनी गीत काफी पसंद किया जा रहा है.
इसे खुशी जोशी और नीरज चुफाल जैसे दिग्गज कुमाऊंनी सिंगर ने अपनी आवाज दी है.
गढ़वाली मांगलगीत यहां हर शुभ कार्यों में गाए जाते हैं.
हाल ही में प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर भी सुआ रे सुआ मांगलगीत गाकर सुर्खिया बटोर चुकीं हैं.
स्व.पप्पू कार्की और माया उपाध्याय की आवाज भी लोग पसंद करते हैं.
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