इस बार दीवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी

इस दिन भगवान गणेश, कुबेर और महालक्ष्मी का पूजन करने का विधान है

इस त्योहार पर रंगोली बनाने का भी रिवाज है

रंगोली न बनी हो तो दीवाली की सजावट अधूरी लगती है

मान्यता है कि दीवाली के दिन मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है

कहा जाता है कि पुराने समय में अपने घरों को सजाने के लिए घर के आंगन में रंगोली बनाते थे

मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम अयोध्या लौटे तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में अयोध्या के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई थी

इतना ही नहीं, सभी जगह दीप जलाकर प्रज्जवलित किया था

मान्यताओं के अनुसार, तभी से ही हर साल दीवाली पर घरों में रंगोली बनाने की परंपरा शुरू हुई

भारतीय पुरानों के अनुसार, भारत में रंगोली बनने के प्रथम साक्ष्य मोहन जोदड़ो और हड़प्पा सभ्यताओं में मिले हैं

पुरातत्व विभाग के अनुसार कहा जाता है कि इन दोनों सभ्यताओं में अल्पना के चिन्ह मिले हैं

जो रंगोली से काफी मिलते जुलते हैं

मान्यताओं के अनुसार, अल्पना, वात्स्यायन के काम सूत्र में वर्णित चौसठ कलाओं में से एक हैं

दीवाली के दिन माता लक्ष्मी हर घर जातीं हैं

दीवाली पर क्‍यों जलाते हैं मिट्टी के दीये? जानने के लिए यहां क्लिक करें...