धनतेरस के साथ ही दीवाली के पांच दिवसीय पावन पर्व का आगाज हो गया है

इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है

हर वर्ष धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले आता है

इसी दिन से दीपोत्‍सव की शुरुआत मानी जाती है

ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की भी पूजा की जाती है

पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे

धनतेरस के दिन नई चीजें खरीदने की परंपरा भी है

ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरी की जयंती भी मनाई जाती है

त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर बजकर 3 मिनट तक रहेगी

इसलिए 22-23 अक्टूबर दोनों दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा

22 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा

इस दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है

धनतेरस के मौके पर राहुकाल में खरीदारी करने से बचें

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