शिवलिंग पर बेर चढ़ाने का क्या है महत्व.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है.
पूरे साल शिवजी की पूजा के लिए उनकी प्रिय चीजों को उन्हें अर्पित किया जाता है.
मान्यता है कि भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजें चढ़ाने से भगवान खुश होते हैं.
भगवान शिव की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन सबसे ज्यादा महत्व फलों में बेर को विशेष महत्व दिया गया है.
बेर के साथ शिवलिंग की पूजा की जाए तो सभी पापों का नाश होता है.
बेर चढ़ाने का अर्थ है आपसी वैरभाव को अर्पण कर आपस में प्रेम व भाईचारे से रहे
बेर को शिवरात्रि पर्व पर चढ़ाने मात्र भर से Shiv प्रसन्न हो जाते हैं ,क्योंकि भोलेनाथ का यह प्रिय फल है.
भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान भी माता शबरी के जूठे बेर खाकर इस बेल की महत्व और इस दिव्य फल को सभी फलों में श्रेष्ठ स्थान दिया था.
शिवरात्रि के दिन बेलपत्र जो दूध बेर सहित शिवलिंग पर चढ़ाता है भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
बेल में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं.
इसमें प्रमुख रूप से कई प्रकार के विटामिंस मिनरल्स खनिज पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं.
जिसकी वजह से बेर कई प्रकार की गंभीर बीमारियों में रामबाण औषधि की तरह काम करता है.
बेर में पाए जाने वाले विटामिंस की तो इसमें प्रमुख रूप से विटामिन-C सी, विटामिन -K, विटामिन-E ई, प्रमुख रूप से पाया जाता है.
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