Year Ender 2021: इस साल को खत्म होने में महज 10 दिन का और समय है। आने वाले वक्त में नया साल सभी का इंतजार कर रहा है। लोग इसकी तैयारियां भी करने में जुट गए हैं। ये साल कई बातों के लिए याद रखा जाएगा। चाहे बात कोरोना की दूसरी लहर की करें या फिर ऐतिहासिक किसान आंदोलन की। साल 2021 दुनिया को कई अच्छी बुरी यादों को देकर जाने वाला है। इसके साथ ही यादों की चर्ची भी हो रही है। साल 2021 उनके लिए सबसे बुरा रहा जिन्होंने दूसरी लहर (Corona Second Wave) में अपनो को खो दिया। कोरोना की दूसरी लहर में सड़कों पर हर तरफ खौफ का मंजर था। मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा था। ऑक्सीजन की किल्लत से जूझते लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे थे।
Year Ender 2021 का वो लम्हा
कोरोना की दूसरी लहर ने जब भारत में दस्तक दी तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि इस तरह की तस्वीरें भी सामने आएंगी। सड़कों पर लोग दम तोड़ रहे थे। हर इंसान बेबस नजर आ रहा था।
दूसरी लहर में आए कोरोना ने इंसानों के शरीर पर वार तो किया ही था साथ ही सांसों पर भी वार किया था। संक्रमित लोग बिना ऑक्सीजन के सांस नहीं ले पा रहे थे।
बाजारों में लोग अपनी सांसों की कीमत लगा रहे थे। दूसरी लहर में डॉक्टर और ऑक्सीजन वाले जिंदगी बेंच रहे थे। बस खरीदारों की जरूरत थी।
दूसरी लहर में संक्रमित होने वालों को सबसे अधिक परेशानी सांस लेने में हो रही थी। संक्रमित होने के 5 या 6 दिन बाद सांस लेने में दिक्कत शुरू हो जाती थी।
अस्पताल में मरीजों की संख्या कम पड़ती जा रही थी। मरीज ऑक्सीजन लगाकर सड़कों पर लेटे रहते थे। कोई पेड़ के नीचे पड़ा रहता था कोई अस्पताल के गेट पर दम तोड़ देता था।
ऑक्सजीन के लिए लोग 5-5 दिन तक लाइन लगाकर खड़े रहते थे। लाखों में ऑक्सजीन की कीमत पहुंच गई थी। इस बीच ऑक्सीजन ब्लैक में बेचने की खबरें भी सामने आईं थी।
इंसान और हैवान की इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी थी जो भगवान बन कर लोगों की सेवा कर रहे थे। जहां लोग ऑक्सीजन को ब्लैक में बेंच रहे थे वहीं कुछ लोग अपनी गाड़ी बेचकर लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन दे रहे थे।
ऑक्सीजन की इस तरह किल्लत थी कि लोग घर बार बेंच कर ऑक्सीजन खरीद रहे थे। पर अस्पताल में बेड़ न मिलने के कारण दम तोड़ रहे थे।
इस समय सरकार की स्वास्थ्य व्यस्था की पोल खुल गई थी। ऑक्सीजन के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी पर केंद्र का कहना है कि ऑक्सीजन के कारण किसी की जान नहीं गई थी।
ये साल तो जा रहा है लेकिन जो दर्द 2021 ने लोगों को दिया है उसे भुला पाना बेहद मुश्किल है। तबाही का मंजर इन तस्वीरों मे कैद हो गया।
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