Uddhav Thackeray को बड़ा झटका देते हुए ठाणे से शिवसेना के 66 पार्षद गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो गए। शिवसेना अभी दो खेमों में बंटी हुई है, जिसमें से एक का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं और दूसरे का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। शिंदे ने हाल ही में अपने पूर्व बॉस के खिलाफ विद्रोह किया और भाजपा के साथ सरकार बनाई।
डिप्टी नहीं सीएम बने शिंदे
जब शिंदे ने शिवसेना से नाता तोड़ लिया, तो उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। हालांकि, बीजेपी ने शिंदे को सीएम का पद संभालने की इजाजत देकर कई लोगों को चौंका दिया। जहां इस घटनाक्रम ने कुछ भाजपा नेताओं को परेशान किया, वहीं विश्लेषकों ने इसे शिंदे खेमे को और मजबूत करने और उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना में जो कुछ बचा है, उसे जड़ से खत्म करने के लिए भाजपा का एक चतुर कदम बताया है।
CM Shinde को 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त
बता दें कि शिंदे को अब तक शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जब विद्रोह शुरू हुआ, शिंदे को 39 का समर्थन प्राप्त था, और बाद में उद्धव समूह के एक और नेता ने उन्हें निराश किया और विद्रोही शिविर में शामिल हो गए।
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