शिवराज सिंह चौहान की भले ही सत्ता से विदाई हो गई हो, लेकिन उनका हरफनमौला दौरा जारी है। शिवराज सिंह चौहान शनिवार को भोपाल में ही थे और समर्थकों के अलावा पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से दिन भर मुलाकात भी की। शाम को जब कार्यकर्ताओं और समर्थकों से फुर्सत मिली तो शिवराज अपने काफिले के साथ भोपाल की सड़कों पर निकल पड़े। शिवराज की गाड़ियों का काफिला सबसे पहले पुराने भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल के सामने बने रैन बसेरा पहुंचा। यहां शिवराज ने पहले तो बाहर अलाव के पास बैठे लोगों से बात की और उसका बाद रैन बसेरे में रात गुजारने वाले लोगों से मुलाकात की।
यहां 15 मिनट रुकने के बाद वह भोपाल के ही न्यू मार्केट इलाके में बने रैन बसेरे की ओर जाने लगे तो सुल्तानिया अस्पताल के बाहर एक व्यक्ति ने उन्हें रोका और सेल्फी लेनी की ज़िद करने लगा। शिवराज ने उसे निराश भी नहीं किया। करीब 10 मिनट बाद शिवराज रात 10:30 बजे न्यू मार्केट स्थित रैनबसेरा पहुंचे और लोगों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। यहां रैनबसेरे में गुजारा करने वाले एक व्यक्ति ने शिवराज को बताया कि वो बाहर से है और न्यू मार्केट में फुटपाथ पर सामान बेचता है और रात को यहीं रैनबसेरा में आकर सोता है।
रैनबसेरों का दौरा करने के बाद शिवराज सिंह चौहान से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने बताया कि वो व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं, क्योंकि रैन बसेरे में सबको जगह मिल रही है और सार्वजनिक जगहों पर अलाव भी जल रहे हैं। शिवराज ने कहा कि रैनबसेरों में जो प्रेम और स्नेह उन्हें मिला वो इससे खुश हैं।
रैनबसेरों में जो अपनापन, स्नेह और आशीर्वाद मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। अद्भुत अविस्मरणीय प्रेम है आप लोगों का, इसके लिए हृदय से आभार। pic.twitter.com/ljsj09HoE7
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 22, 2018
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि ‘रैनबसेरों में जो अपनापन, स्नेह और आशीर्वाद मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। अद्भुत अविस्मरणीय प्रेम है आप लोगों का, इसके लिए हृदय से आभार’.
दरअसल, मध्यप्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और ज्यादातर शहरों में तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। ठंड का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ता है, जिनके पास खुद की छत नहीं और ऐसे में सरकारी रैनबसेरा और जलता अलाव ही ठंड से बचने का उनका सहारा होता है। उत्तर भारत से आ रही शीतलहर के चलते मध्यप्रदेश में दिन और रात के न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।