Samyukt Kisan Morcha ने मीटिंग में लिया फैसला, लंबित मांगों के पूरा होने तक दिल्ली की सीमा पर संघर्ष जारी रहेगा

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किसान नेता दर्शन पाल सिंह।

Samyukt Kisan Morcha ने फैसला किया है कि दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों का संघर्ष अभी जारी रहेगा, लेकिन मोर्चे की अगली रणनीति क्या रहने वाली है, इस पर किसानों की तरफ से मंथन किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, मोर्चे की मीटिंग अब रविवार 21 नवंबर को दोपहर 2 बजे होगी। मीटिंग में यह फैसला लिया जाना है कि वह संघर्ष को किस तरह जारी रखेंगे।

किसानों का आंदोलन जारी रहेगा

हालांकि 22 नवंबर को किसानों की लखनऊ में होने वाली महापंचायत पूर्व निर्धारित रहेगी। 26 नवंबर को किसान अपने आंदोलन की सालगिरह मनाएंगे। आज मीटिंग में फैसला लिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। संयुक्त किसान मोर्चा आगे चर्चा करेगा कि सरकार के समक्ष अपना पक्ष किस ढंग से रखना है। साथ ही आगे MSP को बिल के तौर लाने और बिजली शोध बिल को खत्म करने की मांग पर भी चर्चा की जाएगी।

किसानों को सरकार की ओर से बैठक की उम्मीद

किसानों का कहना है कि किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना, बिजली विधेयक 2020 और वायु गुणवत्ता अध्यादेश को वापस लेना, और मारे गए किसानों के लिए एक स्मारक के लिए जमीन का आवंटन जैसी मांगें अभी लंबित हैं। किसानों को उम्मीद है कि सरकार मुद्दों को हल करने के लिए बैठक बुलाएगी।

किसान नेताओं ने तो यहां तक कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री पर यकीन नहीं है, इसलिए जब तक संसद में यह बिल रद्द नहीं कर दिए जाते, तब तक वह दिल्ली के बॉर्डरों से हटेंगे नहीं। इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया गया।

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