पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिल्ली कूच करने वाले किसानों की अवैध हिरासत को लेकर दाखिल याचिका खारिज करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही सरकार ने किसानों को रिहा कर दिया है, लेकिन अभी यह तय करना बाकी है कि किसानों की हिरासत कितनी वैध थी।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली का रुख करने वाले किसानों को हरियाणा पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि पुलिस द्वारा इस प्रकार किसानों को हिरासत में रखना सीधे तौर पर अवैध हिरासत की परिभाषा में आता है। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने किसानों को रिहा करने की एवज में मोटी जमानत राशि वसूल करने पर हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। 


हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी किसानों को छोड़ा जा चुका है और ऐसे में अब इस याचिका का कोई औचित्य नहीं बनता और इसे  रिज किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि किसानों को हिरासत में रखने का फैसला कितना वैध था और इसे तय करने के लिए इस याचिका पर अभी सुनवाई जरूरी है। 

अब हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 18 दिसंबर तक अपनी कार्रवाई पर सफाई देने का मौका दिया है।

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