मुंबई में 23 जून से प्लास्टिक बैन है। प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे लोगों से बृहन्‍मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी फाइल वसूल रहा है। प्लास्टिक बैन से सबसे ज्यादा परेशान किराना दुकानदार हो रहे थे। 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान और लगभग तीन लाख लोगों के रोजगार छिनने की आशंका के बीच व्यापारियों ने सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है।  इन कारोबारियों का कहना है कि जब बड़ी कंपनियों को पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक के उपयोग की छूट दी जा रही है, तो छोटे दुकानदारों के साथ अन्याय क्यों?

व्यापारियों का दर्द समझ कर सरकार ने किराना दुकानदारों को छोटी वस्तुएं देने के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा है कि सरकार ने ब्रैंडेड कंपनियों के उत्पाद की पैकिंग के लिए छूट दी थी, लेकिन छोटे किराना दुकानदारों पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई थी।  अब सरकार ने सभी के लिए समान नियम कर दिया है।

इस्तेमाल किए जाने वाली प्लास्टिक के उत्पादक और प्लास्टिक की मोटाई की जानकारी थैली पर छापनी होगी। रिटेल दुकानदार दाल, चावल, शक्कर और नमक जैसे उत्पाद 250 ग्राम से ज्यादा प्लास्टिक में पैक करके बेच सकेंगे। दुकानदारों को खुली थैलियों में सामान बेचने पर पाबंदी होगी। दूध के स्टील के बर्तन में ले जाने का विकल्प खुला होने के कारण उसके लिए थैलियां प्रतिबंधित हैं। दुकानदारों को ‘वापस खरीदो योजना’ के तहत ग्राहकों से पैकेजिंग की थैलियां वापस खरीदनी होंगी।

कचरे के डिब्बों में लगने वाले बैग्स, टेक-अवे कंटेनरों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। इसी तरह 500 से 650 माइक्रॉन के दोबारा इस्तेमाल होने लायक कंटेनर्स पर भी फैसला नहीं दिया गया है। प्लास्टिक बैग्स, एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक कटलरी और थर्मॉकॉल के सामान पर बैन प्राथमिकता से जारी है। कपड़ा और जूलरी वालों को इसमें कोई छूट नहीं दी गई है। ऐसे में, आने वाले दिनों में तमाम उद्योगों की ओर से छूट की मांग जोर पकड़ सकती है।

बीएमसी के इस कदम से रिटेल पैकेजिंग पर कुछ राहत मिलने से व्यापारी काफी खुश हैं। मॉनसून के वक्त रिटेल पैकेजिंग पर मनाही की वजह से किराना स्टोर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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