किसानों के हौसले बुलंद हैं। क्या बारिश, क्या ठंड सब इस आंदोलन के सामने कम है। कृषि कानून के खिलाफ इनकी जिद को प्रकृति भी नहीं तोड़ पा रही है। सरकार सुलह करने का हर संभव प्रयास कर रही है। पर किसानों की मांग है, “कृषि कानून रद्द कर दो यहां से हट जाएंगे।”

सरकार कृषि कानून को रद्द करने को तैयार नहीं है किसान हटने को तैयार नहीं हैं। 7 दौर की वार्ता भी हो चुकी है। लेकिन बात नहीं बनी। आज फिर आठवें दौर की वार्ता होने वाली है। उम्मीद है कि इस बार हल निकल जाएगा।

अपनी हर कोशिश में सरकार एक और कोशिश कर रही है। यानी की धर्म गुरुओं का सहारा ले रही है। इस कड़ी में गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह से मुलाकात की।

बाबा लक्खा सिंह ने सरकार से कहा है कि वो दोनों पक्षों में समझौता करवाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, केंद्र सरकार को कृषि कानून लागू करने की ताकत राज्य सरकारों के हाथ में देनी चाहिए। कृषि का मसला राज्य का ही मामला है। 

मुलाकात के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ तौर पर कहा कि, सरकार किसानों की दो मांगों पर मुहर लगा चुकी है। आगे भी हम किसानों का साथ देंगे लेकिन सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी, अगर सरकार ने अपनी ओर से कुछ कदम उठाए हैं तो किसानों को भी ऐसा ही करना चाहिए।

आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में कई नानकसर गुरुद्वारे हैं। सभी गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटी के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह ही हैं, जिनकी सिख समुदाय में काफी पहुंच है। ऐसे में उनकी ओर से सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता की कोशिश की गई है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here