Money laundering मामले में Anil Deshmukh मुख्य आरोपी, ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बेटे का भी नाम

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Anil Deshmukh
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Money laundering: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 7,000 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी बनाया है। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अनिल देशमुख के बेटे का नाम भी है। बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ED की चंगुल में पूरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ईडी ने सोमवार को मुंबई की एक विशेष अदालत से कहा कि अनिल देशमुख का बेटा ऋषिकेश देशमुख भी हवाला कारोबार में सहयोगी रहा है। ईडी के मुताबिक ऋषिकेश देशमुख ने हवाला कारोबार में पिता की कई बार मदद की थी।

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ED ने किया पूर्व जमानत याचिका का विरोध

ED ने ऋषिकेश देशमुख की ओर से दायर पूर्व जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर किया। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के मामलों की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने ऋषिकेश की पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख 4 दिसंबर तय की है।

CBI
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ED ने इस मामले में कहा कि अगर ऋषिकेश देशमुख की गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो वो महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। ईडी ने आगे कहा कि शुरुआती जांच में हमने पाया है कि देशमुख और उनके परिवार के अन्य सदस्य 11 कंपनियों का संचालन कर रहे थे। इनमें से अधिकतर कंपनियों में आवेदक ऋषिकेश देशमुख या तो कंपनी का निदेशक है या शेयरधारक है। बता दें कि अनिल देशमुख को ईडी ने एक नवंबर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।

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ऋषिकेश देशमुख ने वाजे के साथ मिलकर Money laundering को दिया अंजाम

ED के मुताबिक ऋषिकेश देशमुख ने अपने पिता के साथ मिलीभगत की थी और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के साथ मिलकर कई बार और रेस्तरां से मिली 4.70 करोड़ रुपये की रिश्वत का हिस्सा अपने जानने वाले को भेजा था।

ईडी ने अदालत से कहा कि दिल्ली के कागज पर चलने वाली फर्जी कंपनियों की मदद से ऋषिकेश ने अपने पिता की हवाला कारोबार में मदद की। ईडी के मुताबिक ऋषिकेश ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया जिनमें कई बेनामी लेनदेन हुए। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि ऋषिकेश को छह समन भेजे गए पर उनकी ओर से जांच में कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। बता दें कि सीबीआई ने 21 अप्रैल को भ्रष्टाचार के मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने जांच करते हुए देशमुख का तत्कालीन निजी सचिव और सहायक कुंदन शिंदे को भी गिरफ्तार किया है।

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