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सनातन धर्म में सभी मासों में सर्वश्रेष्‍ठ कहे जाने वाले कार्तिक मास 10 अक्‍टूबर से शुरु होने जा रहा है

भगवान श्रीहरि विष्‍णु को अतिप्रिय कार्तिक मास आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के बाद से आरंभ माना जाता है

शरद पूर्णिमा के अगले दिन से यानी से कार्तिक मास प्रारंभ हो जाता है

कार्तिक मास को भगवान विष्‍णु की पूजा और तुलसी की पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है

कार्तिक मास का समापन 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा

पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भगवत्पूजन का बड़ा महत्‍व होता है

यही वजह है भक्‍त इस माह दीपदान, पूजन और शुभकर्म करते हैं

स्वयं ब्रह्माजी कार्तिक मास की महिमा बताते हुए कहते हैं कि कार्तिक मास सब मासों में उत्तम है

महीनों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ (बद्रिकाश्रम) श्रेष्ठ है

कार्तिक मास की देवोत्‍थान एकादशी पर भगवान विष्‍णु चार महीने की निद्रा के बाद जाग्रत होते हैं

इस महीने में भगवान विष्‍णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्‍व माना गया है

कार्तिक मास में गंगा स्‍नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्‍ठान परम फल देने वाले माने गए हैं

कार्तिक मास भगवान विष्‍णु की पूजा के लिए सर्वोत्‍तम माना गया है

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