इतिहास के गर्भ में क्या-क्या छिपा है, किसी को नहीं पता। लेकिन जब इतिहास वर्तमान में परिलश्रित होता है तो आंखें और दिमाग दोनों अचंभित हो जाती है। कुछ ऐसा ही मध्यप्रदेश की नगरी इंदौर में हुआ। इंदौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर धार में भगवान कृष्ण की एक हजार साल पुरानी मूर्ति मिली है। मूर्ति के साथ मिला एक शिलालेख विशेषज्ञों को जहां परेशान कर रहा है वहीं पुरातत्त्वविदों के बीच इसे लेकर उत्साह बढ़ गया है। एएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह खोज बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है, इसलिए उसे भोपाल ले जाया गया है। भोपाल में विशेषज्ञ मूर्ति के बारे में सही जानकारी जुटा सकेंगे। मूर्ति की लंबाई दो फीट है।

बता दें कि यह मूर्ति जिले की ऐतिहासिक नगरी मांडू  में एक स्ट्रक्चर की खुदाई के दौरान मिली है। मूर्ति का धड़ सिर से अलग है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 16वीं शताब्दी में बनाए गए दरिया खां स्मारक में पिछले हफ्ते से खुदाई का काम चल रहा है। रविवार की शाम को मजदूर खुदाई कर रहे थे कि अचानक उन्हें जमीन में कोई ठोस चीज होने का एहसास हुआ। इसके बाद पुरातत्व विभाग ने मूर्ति को बड़े संभालकर निकलवाया।

यह मूर्ति काले पत्थर की बनी है और इसकी नृत्य करती मुद्रा है। इतिहासकारों का अनुमान है कि, यह मूर्ति 11वीं शताब्दी में चालुक्य वंश के दौरान की हो सकती है क्योंकि इस वंश के राजा भगवान कृष्ण की पूजा करते थे। यह मूर्ति यहां लगभग आठ फीट की गहराई में दबी थी।  हालांकि मांडू एएसआई के इंचार्ज प्रशांत पाटनकर ने बताया कि अभी मूर्ति के बारे में कुछ भी साफ नहीं हो सका है। उस पर लिखी भाषा भी अज्ञात है इसलिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here