International Womens Day 2022 के मौके पर घुड़सवारी करने निकली कांग्रेस नेत्री, कहा- महिलाओं के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं

कांग्रेस MLA अंबा प्रसाद झारखंड में सड़क पर घोड़ सवारी करतें नजर आईं। उस दौरान उन्होंने कहा कि यह मेरी पसंदीदा सवारी है।

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International Womens Day 2022
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International Womens Day 2022 दुनिया भर में आज International Women’s Day 2022 मनाया जा रहा है। हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने से होता है। इस मौके पर समाज की बेड़ियों को तोड़कर इतिहास रचने वाली महिलाओं को याद किया जाता है। महिलाएं इस दिन को अपनी तरह से सेलिब्रेट कर रही हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेत्री विश्व महिला दिवस के मौके पर घुड़सवारी के लिए निकल गईं।

International Womens Day 2022 पर अंबा प्रसाद ने क्या कहा?

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कांग्रेस MLA अंबा प्रसाद झारखंड में सड़क पर घोड़ सवारी करतें नजर आईं। उस दौरान उन्होंने कहा कि यह मेरी पसंदीदा सवारी है। हर दिन महिलाओं का दिन है। महिला दिवस के मौके पर समाज के भीतर जो एक सोच है मैं उसे बदल सकूं। मैं समाज को बताना चाहती हूं कि घुड़सवारी कोई इतना मुश्किल काम नहीं है। मैं लोगों से कहना चाहती हूं कि बेटी के माता-पिता उन्हें अच्छे से पढ़ाएं।

अंबा प्रसाद ने कहा कि देश में मां दुर्गा, झांसी की रानी लगभग सभी महिलाओं ने एक बेड़ियों को तोड़कर अलग पहचान बनाई है। लोगों को बच्चियों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। आज लड़कियां हर क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं।बता दें कि अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत 1977 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा की गई थी। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार उत्तरी अमेरिका और यूरोप में श्रमिक आंदोलनों की गतिविधियों के चलते बनाया गया था।

International Womens Day 2022 क्यों मनाया जाता है?

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कहा जाता है कि पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया गया था। इसकी शुरूआत 28 फरवरी 1908 में महिला मजदूर आंदोलन से मानी जाती है। इस आंदोलन में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की करीब 15 हजार से अधिक महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया था और पुरुषों के बराबर अधिकार पाने के लिए मांग की थी।

जिसमें काम करवाने के समय को कम करवाने और अच्छी तनख्वाह साथ ही समाज में पुरुषों के बराबर अधिकार के मुद्दे शामिल किए गए थे। तब महिलाओं के इस आंदोलन ने सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया था। सरकार ने उनकी मांगें पूरी करते हुए प्रत्येक वर्ष महिला दिवस मनाने की घोषणा की थी।

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