Indian Navy Day 2021: भारतीय नौसेना दिवस पर Operation Trident हुआ Twitter पर Trend, जानें ऑपरेशन के बारे में?

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Operation Trident

Indian Navy Day 2021: हर साल की तरह इस साल भी भारतीय नौसेना दिवस (INDIAN NAVY DAY) मनाया जा रहा है। भारतीय सेना में नौसेना की भूमिका हमेशा से ही अहम रही है। इसका इतिहास यूं तो बहुत पुराना है, लेकिन इसको भारतीय नौसेना का नाम सन् 1950 में मिला। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति से लेकर देश के आम नागरिक ने बधाई देते हुए नौसेना का शुक्रिया अदा किया। इसी दिन भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ करके पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था इसलिए 4 दिसम्बर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। शनिवार को इस ऑपरेशन के 50 साल पूरे होने पर #OperationTrident Twitter पर Trend भी हुआ। Operation Trident की बात करे तो यह Indian Navy एक offensive ऑपरेशन था। यह ऑपरेशन 4-5 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के कराची शहर में किया गया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट ने पाकिस्तानी शिपिंग को बहुत भयंकर तारीके से नुकसान पहुंचाया था और इसकी सफलता हर साल भारत में नौसेना दिवस के रूप में मनाई जाती है।

Operation Triden का Background

3 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच हिंसक झिड़प हो रही थी। कराची का पोर्ट पाकिस्तानी नौसेना का मुख्यालय था और इसका पूरा बेड़ा कराची हार्बर में स्थित था। कराची पाकिस्तान के समुद्री व्यापार का भी केंद्र था। कराची बंदरगाह को ब्‍लॉक करने से उसके नौवहन क्षतिग्रस्‍त हो जाएंगे और पाकिस्तान में आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा यह सोचते हुए दिल्ली में भारतीय नौसेना मुख्यालय के साथ पश्चिमी नौसेना कमान ने कराची बंदरगाह पर हमले की योजना बनाई। इस काम के लिए एक स्‍ट्राइक ग्रुप का गठन किया गया था और इसमें Okha के तट पर पहले से डेवलप्ड Vidyut-Class Missile Boats शामिल थीं। चूंकि इन नावों में रडार और ऑपरेशनल की रेस्ट्रिक्शन्स थी इसलिए ऑपरेशन के लिए सबमरीन्स और ऑइल टैंकर जैसे सहायक जहाजों को सौंपा गया था। Vidyut-Class में INS Nipat, INS Nirghat और INS Veer Missile Boats शामिल थीं। इस टास्क फोर्स की कमान बबरू भान यादव (Babru Bhan Yadav) के कंधों पर थी।

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Operation Trident

ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान की घटनाएँ

पाकिस्तानी नौसेना और वायु सेना के रडार रेंज से बाहर रहकर 4 दिसंबर को स्ट्राइक ग्रुप कराची के तट से 460 किलोमीटर दूर दक्षिण में पहुंच गया। Pakistani Aircraft में रात में हमला करने की क्षमता नहीं थी और इसलिए यह निर्णय लिया गया कि यह ऑपरेशन शाम और तड़के के बीच किया जाएगा। पोर्ट पर पाकिस्तानी जहाजों की पहचान करते हुए आईएनएस निर्घाट ने अपनी स्टाइक्स मिसाइलों को दागा लेकिन पीएनएस खैबर ने गलती से अपने एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम को यह सोचकर सक्रिय कर दिया कि यह एक एयरक्राफ्ट की मिसाइल थी। स्टाइक्स मिसाइल की चपेट में आने पर पीएनएस खैबर को भारी नुकसान हुआ। आईएनएस निर्घाट से दागी गई दूसरी मिसाइल ने पाकिस्तानी डिस्ट्रॉयर को डुबो दिया जिसमें 222 नाविक मारे गए। दोनों बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और इसके बाद आईएनएस वीर ने पीएनएस मुहफिज को निशाना बनाया और वो भी डूब गया और उसके 33 नाविक मारे गए। इसके बाद आईएनएस निपुण ने आयल स्टोरेज टैंक्स को निशाना बनाकर कराची बंदरगाह पर अपना ऑपरेशन जारी रखा। मिसाइलों के पेलोड को खाली करते हुए उनमें से एक ने आयल स्टोरेज टैंक्स पर फिर से हमला किया जिससे पूरी तरह से टैंक्स नष्ट हो गए।

ऑपरेशन ट्राइडेंट के बाद

पाकिस्तानी वायुसेना ने ओखा पोर्ट पर हमला करते हुए जवाबी कार्रवाई की लेकिन भारतीय नौसेना ने किसी भी तरह के नुकसान को रोकने के लिए मिसाइल बोट जैसे अपने assets को पहले से ही तैनात किया था। यह ऑपरेशन भारत के लिए एक शानदार सफलता थी क्योंकि भारतीय पक्ष से कोई हताहत नहीं हुआ था। इसे विश्व युद्ध 2 के बाद से सबसे सफल नौसैनिक अभियानों में से एक माना जाता है।

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