महानगरों की आपाधापी के बीच अब उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों की सैर करना आपको महंगा पड़ने वाला है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के गेस्ट हाउस के किराये में इजाफे के बाद सूबे की सरकार की नींद खुली है। त्रिवेंद्र सरकार ने वन विभाग के गेस्ट हॉउस की फीस बढ़ाने का फैसला किया है। ऐसे में पहाड़ों में छुट्टियां बिताने की ख्वाहिश आपकी जेबें ज्यादा हल्की करेंगी। वन विभाग अपने गेस्ट हॉउस के किराये में दो से ढाई फीसदी तक वृद्धि करने की तैयारी में है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रमुख वन संरक्षक को इसका प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके तहत प्रदेश भर के गेस्ट हाउस में व्यवस्था दुरुस्त भी की जाएगी।

उत्तराखंड में वन विभाग के गेस्ट हाउस की संख्या लगभग 350 है। इनमें एक रात ठहरने का किराया भारतीयों के लिए 250 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक है, जबकि विदेशियों के लिए 12 हजार तक है। खास बात यह है कि पिछले कई सालों से इनके किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है। ऐसे में सरकारी गेस्ट हाउस के किराये में वृद्धि करना जरूरी है। हालांकि, निजी होटलों की तुलना में सरकारी गेस्ट हाउस का किराया अब भी कम है।

उम्मीद है कि, सूबे में 15 नवंबर के बाद पार्कों के खुलने की स्थिति में आपको बढ़ा किराया देना पड़े। हालांकि, रुपयों की कमी से जूझ रहे उत्तराखंड के सरकारी खजाने के लिए ये संभावित वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर ही होगा। क्योंकि, सरकार स्कूली बच्चों और सीनियर सिटीजन को छूट भी देगी। ऊपर से गेस्ट हाउस की मरम्मत के साथ ही पर्यटकों के सुख सुविधाओं में इजाफा भी करना है। ऐसे में बेहतर तो ये होगा कि, सरकार और गेस्ट हाउस बनवाए जिससे उसे और आमदनी हो और पर्यटकों के भी आराम से ठहरने का इंतजाम हो सके।

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