गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव का महासंग्राम समाप्त हो गया। चुनाव प्रचार भी खत्म हो गया और वोटिंग भी खत्म हो गई लेकिन अभी रिजल्ट आना बाकी है और अब राजनेता ईवीएम मशीन की ओर पलके बिछाए बैठे हैं। इस उपचुनाव में खास बात ये रही कि इस बार जनता की उत्सुकता वोट देने में नहीं दिखी।  मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। गोरखपुर में 43 और फूलपुर में करीब 37 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस बीच फूलपुर गोरखपुर के कुछ केंद्रों पर वोटिंग मशीन खराब होने के कारण मतदान में कुछ समय के लिए बाधा पड़ी।

वहीं बिहार की बात करें तो पांच बजे तक अररिया में 57% वोटिंग हो गई है। भभुआ में 54.3% और जहानाबाद में 50.6% मतदान हुए। भभुआ के दो मतकेन्द्रों में कोई भी मतदान नहीं हुआ है। यह दोनों बूथ सोनहन के हैं। वहीं यूपी में बिहार की अपेक्षा मतदान कम हुए। बता दें कि  इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए 838 मतदान केंद्रों पर 2155 बूथ  हैं। यहां करीब 19,63,543 लाख मतदाता किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने वाले मतदाता हैं। गोरखपुर सदर संसदीय सीट में 19.49 लाख मतदाता हैं। दोनों जगह प्रशासनिक व्यवस्था बेहद चुस्त दुरुस्त है।

यूपी का गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से खाली हुई थी, वहीं फूलपुर सीट का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य किया करते थे. राज्य की योगी सरकार के लिए यूपी की इन दोनों सीटों पर उपचुनाव साख की लड़ाई के रूप देखी जा रही है। उधर अगर बिहार की बात करें तो  नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद बदले समीकरण के बीच यह पहला चुनाव होगा।

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