दिल्ली में कूड़े के निपटारे के लिए कोई काम नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उप राज्यपाल को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि हर मामले के हम प्रभारी हैं, सुपरमैन हैं लेकिन लगता है कि आप कुछ करेंगे नहीं। कोर्ट ने अब उप राज्यपाल से जुलाई 16 तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।

दिल्ली में कूड़े के पहाड़ कम न होने और ठोस कचरे के निपटारे में कोई ठोस काम नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज है। दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन, डेंगू, चिकनगुनिया के मामले में गुरुवार (12 जुलाई) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट उप राज्यपाल कार्यालय पर जम कर बरसा। कोर्ट ने उप राज्यपाल की ओर से पेश वकील से पूछा कि आपको कितना वक्त चाहिए? कोर्ट ने कहा कि आप कहते हैं कि हमारे पास शक्ति है, लेकिन काम कैसे होगा? कोर्ट ने कहा कि आप लोग यह नही सोच पा रहे हैं कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को हटाने की जिम्मेदारी कौन लेगा?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्त्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि स्वास्थ्य सचिव को लिखे गये पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि उप राज्यपाल के दफ्तर की ओर से मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए कोई तैयार नही है, लेकिन कहा जाता है पॉवर उन्ही के पास है, क्या उनके ऑफिस की कोई जिम्मेदारी नहीं है। कोर्ट ने चुटकी भी ली कि आप दावा करते हैं कि आपके पास शक्ति है, आप सुपरमैन हैं लेकिन जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नही हैं।  उप राज्यपाल कूड़े के निपटारे के उपाय सुझाने के लिए हो रही मीटिंग में हिस्सा तक नहीं ले रहे। अगर एलजी ये मानते हैं कि सब कुछ वही हैं तो बैठक में क्यों नहीं गए? एलजी के मुताबिक अगर स्वास्थ्य मंत्री कोई फैसला ले नहीं सकते तो एलजी ने खुद क्या किया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए। आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े का पहाड़ कब हटाएंगे।

कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि आप बताइए कि कितने दिन में 3 लैंडफिल साइट से कूड़ा हटेगा? साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लैंडफील साइट की तुलना कुतुब मीनार से करते हुए कहा कि दोनों की ऊंचाइयों में मात्र आठ मीटर का अंतर रह गया है। कोर्ट ने LG ऑफिस से ठोस कचरे के निपटारे के लिए कदम उठाये गए कदमों पर 16 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई भी अब 16 जुलाई को होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here