पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी अदालत ने एक व्यक्ति को उसके फेसबुक पोस्ट की वजह से फांसी की सजा सुनाई है। शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इस व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगा था। ईशनिंदा कानून के तहत पकिस्तान में मौत की सजा का यह पहला मामला है। वहीं साइबर क्राइम (सोशल मीडिया पोस्ट) से जुड़े मामले में भी यह अब तक की सबसे सख्त सजा है।
ओकरा के रहने वाले अल्पसंख्यक शिया समुदाय के तैमूर ने फेसबुक पर सुन्नी समुदाय के पैगंबर मोहम्मद साहब की पत्नी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उसके बाद 30 वर्षीय तैमूर रजा को आतंक निरोधी विभाग ने पिछले साल बहवालपुर से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ मुल्तान पुलिस स्टेशन में आतंक निरोधी ऐक्ट के सेक्शन 295-सी, सेक्शन 9 और सेक्शन 11 के तहत मामले दर्ज किए गए थे। मामले की सुनवाई के बाद आतंक निरोधी अदालत के जज शब्बीर अहमद ने उसे मौत की सजा सुनाई।
पाकिस्तान में ईशनिंदा को बेहद गंभीर जुर्म माना जाता है। गौरतलब है कि ईशनिंदा कानून का अल्पसंख्यक आबादी के खिलाफ शुरू से ही दुरुपयोग होता रहा है लेकिन अब तक कोर्ट ने किसी को मौत की सजा नहीं सुनाई थी। इस सजा के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर ईशनिंदा कानून में संशोधन की मांग उठने लगी है।