Elections 2022 | महंगा होता लोकतंत्र, गुजरात, हिमाचल चुनाव में 122 करोड़ रुपए से ज्यादा की बरामदगी

हिमाचल प्रदेश और गुजरात में (10 नवंबर 2022) तक की गई की बरामदगी का ब्यौरा देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि इन Elections में अभी तक लगभग 122 करोड़ रुपए से ज्यादा की बरामदगी हो चुकी है.

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Elections 2022 | महंगा होता लोकतंत्र, गुजरात, हिमाचल चुनाव में 122 करोड़ रुपए से ज्यादा की बरामदगी - APN News

देश में हो रहे दो राज्यों के विधानसभा चुनाव (गुजरात और हिमाचल प्रदेश) में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा रिकॉर्ड संख्या में रुपये की बरामदगी की गई है. आयोग ने बताया कि चुनाव (Elections) की घोषणा के कुछ ही दिनों के भीतर गुजरात में 71.88 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए लागू आचार संहिता की पूरी अवधि के दौरान हुई 27.21 करोड़ रुपये की बरामदगी से कहीं ज्यादा है.

हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर आयोग ने बताया कि इस अवधि में 50.28 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो कि 2017 के Elections के 9.03 करोड़ की तुलना में पांच गुना से भी ज्यादा है. हिमाचल प्रदेश और गुजरात में (10 नवंबर 2022) तक की गई की बरामदगी का ब्यौरा देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि इन चुनाव में अभी तक लगभग 122 करोड़ रुपए से ज्यादा की बरामदगी हो चुकी है.

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राज्यनकदशराबड्रग्सबहुमूल्य धातुएंमुफ्त सुविधा की पेशकशकुल बरामदगी
 (रुपये करोड़)मात्रा (लीटर)मूल्य (करोड़ रुपये)मूल्य (करोड़ रुपये)मूल्य (करोड़ रुपये)मूल्य (करोड़ रुपये)(करोड़ रुपये)
हिमाचल प्रदेश17.18972818.2417.501.2013.990.4150.28
गुजरात0.66109189.193.860.941.8664.5671.88

गुजरात जैसे राज्य में जहां पिछले कई सालों से शराबबंदी है में Elections की घोषणा के बाद से पुलिस ने 3.86 करोड़ रुपये की करीब 1,10,000 लीटर शराब बरामद की है. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भी मुंदरा बंदरगाह पर बड़े पैमाने पर 64 करोड़ रुपये के खिलौने और सामान की गलत घोषणा के माध्यम से तस्करी किए जाने की सूचना दी है यह सामान आयात कार्गो में छिपाकर लाया जा रहा था. इस मामले के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच की जा रही है.

गुजरात विधानसभा के चुनावों में धनबल के इस्तेमाल पर प्रभावी तौर पर अंकुश लगाने के लिए भारत के चुनाव आयोग ने पहले ही 69 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है. 27 विधानसभा क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है.

हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार की एजंसियों ने हिमाचल और आसपास के राज्यों में स्थित पत्थर तोड़ने की 27 इकाइयों पर छापे डाले और वहां से काफी मात्रा में नकद रुपये बरामद किए. इसके अलावा उन्होंने देसी शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं पर भी छापे मारे और वहां से भी बेहिसाब धन बरामद किया. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में धन-बल पर अंकुश लगाने और प्रभावी निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने 23 व्यय पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की गई है.

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उपचुनाव में भी ये ही स्थिति

चुनाव आयोग ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुए बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों की सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनावों में भी 9.35 करोड़ रुपये की नगदी और अन्य सामान की बरामदगी की गई थी. तेलंगाना के एक विधानसभी सीट मुनुगोडे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में ही 6.6 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ हजारों लीटर शराब, 1.78 करोड़ रुपये मूल्य की बहुमूल्य धातुओं की रिकॉर्ड बरामदगी की गई थी. यह निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में भारी धनराशि खर्च करने के लिए जाना जाता है.

पैसे का हो चला है चुनाव

इसी साल मार्च में हुए पांच राज्यों (गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर) के विधानसभा चुनाव में चुने गए 690 नवनिर्वाचित विधायकों में एक करोड़ से ज्यादा की कुल संपत्ति वाले उम्मीदवार की संख्या 579 (84 फीसदी) थी. इन चुनावो में पंजाब को छोड़कर दूसरे राज्यों के जीतने वाले विधायकों की औसत संपत्ति में भी उछाल देखा गया है.

पंजाब के विजयी विधायक की संपत्ति अपने से पहले वाले विधायकों की तुलना में मामूली रूप से घटकर 10.5 करोड़ रुपये हो गई है जो कि 2017 में 11.8 करोड़ रुपये थी. दूसरी ओर, गोवा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति लगभग दोगुनी होकर 10.9 करोड़ रुपए से बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गई है.

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