Diesel and Petrol : ट्रक चालकों की हड़ताल से पेट्रोल-डीजल के साथ सप्लाई चेन में बड़ी उथल-पुथल, बढ़ गई फ्यूल की किल्लत!

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Diesel and Petrol : हिट एंड रन कानून के विरोध में देशभर के कई राज्यों में ट्रक चालकों समेत अन्य ड्राइवरों द्वारा प्रोटेस्ट जारी है। जिससे देशभर का ट्रांसपोर्ट सिस्टम गड़बड़ा गया है। बता दें कि ड्राइवरों ने ट्रक से लेकर टैंकरों को सड़कों पर छोड़ दिया है और वे हड़ताल का हिस्सा बन गए हैं। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अगर हड़ताल ऐसे ही चलती रही तो देश भर में खान-पान की चीजों से लेकर पेट्रोल और डीजल की सप्लाई चेन ठप पड़ सकती है।

विरोध का कारण हिट एंड रन का नया कानून है। यानी एक्सीडेंट होने के बाद भागने पर मिलने वाली सजा के नियमों में बदलाव पर ट्रक और बस ड्राइवर विरोध कर रहे हैं। नए हिट एंड रन कानून के तहत अगर रोड एक्सीडेंट में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और ड्राइवर एक्सीडेंट एरिया से भाग जाता है तो उसे 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। और सजा के साथ-साथ ही मौके से भागने वाले ड्राइवर को जुर्माना भी देना पड़ेगा।

देशभर में ट्रांसपोर्ट सर्विस ठप!

आज यानी मंगलवार को ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का दूसरा दिन है। नए हिट एंड रन कानून के विरोध में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, समेत कई राज्यों में बड़ी गाड़ियों (ट्रक और बस) के ड्राइवर हड़ताल और चक्काजाम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देशभर में 95 लाख से अधिक ट्रक और टैंकर हैं मौजूद हैं। इसपर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि 30 लाख से ज्यादा ट्रक और टैंकर की सर्विस ठप हो गई हैं।

पेट्रोल-डीजल में की हो सकती है किल्लत

देशभर में हड़ताल के चलते जम्मू कश्मीर और भोपाल समेत देश के कई राज्यों पेट्रोल पंपों पर खूब भीड़ देखने को मिल रही है। फ्यूल पंपों पर वाहनों की लंबी लाइनें लगने लगी हैं। लोगों में गाड़ियों के टंकियों को फुल कराने की होड़ मजार अअ रही है। वहीं, बढ़ती भीड़ और फ्यूल की कमी से कई पेट्रोल पम्पों के बंद होने की खबरें भी अब सामने आने लगी हैं।

खानपान की सप्लाई चेन पर भी पड़ेगा असर

अगर हड़ताल लंबे समय तक चालू रहती है तो खाने पीने की चीजें जैसे दूध, फल, सब्जियां और घर के राशन की जरूरी चीजों की सप्लाई में भी भारी असर पड़ सकता है। देश के कुछ हिस्सों से यह भी खबर अअ रही है कि एंबुलेंस ड्राइवरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया है। जिससे जरूरी मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

क्यों किया गया कानून में बदलाव?

सरकारी डेटा के मुताबिक, हिट एंड रन के मामलों में हर साल करीब 50 हजार लोगों की जान चली जाती है। इन आंकड़ों को देखकर समझा जा सकता है कि पुराने नियमों में क्यों बदलाव किए गए हैं। बता दें कि पुराने हिट एंड रन कानून के तहत, एक्सीडेंट के बाद भाग जाने वाले वाहन चालकों को दो साल की सजा देने का प्रावधान था और उन्हें जमानत भी मिल जाती थी। नए कानून पर सरकार का कहना है कि इससे देशबहर में एक्सीडेंट से होने वाली मौतों में कमी आएगी और घायल लोगों को समय रहते उपचार भी मिल सकेगा।

क्या कहना है ट्रक ड्राइवरों का?

ट्रक ड्राइवर इस कानून का विरोध करते हुए यह तर्क दिया है कि एक्सीडेंट होने के बाद अगर वह वहीं रुके रहते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन्हें जान से मार सकती है और अगर वे अगर वहां से भागते हैं तो उन्हें कानून में प्रावधान होने के बाद सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि नए नियम कुछ ज्यादा ही सख्त हैं और इनमें सरकार को कुछ रियायत बरतनी चाहिए। ऐसा देखा गया है कि सड़क दुर्घटना होने पर मौके पर मौजूद भीड़ ड्राइवर पर हमला कर देती पर हमला कर देती है।

इन मामलों में वाहन चालकों कि मिलेगी राहत

सरकार ने ड्राइवरों को कुछ मामलों में राहत भी दी है। जैसे अगर एक्सीडेंट व्यक्ति के गलत तरह से सड़क क्रॉस करने की वजह से होता है तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर को ज्यादा से ज्यादा पांच साल की सजा और जुर्माना देना होगा। लेकिन अगर एक्सीडेंट ड्राइवर के गलत तरीके से वाहन चलाने के कारण होता है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा हो सकती है और साथ ही 7 लाख रुपये तक जुर्माना भी भरना पड़ेगा। इसके साथ ही मानवीयता दिखाने वाले लोगों पर कुछ हद तक राहत का भी प्रावधान किया गया है। एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर अगर घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी।

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