कलयुग के इस दुनिया में ममता का रिश्ता भी तार-तार हो रहा है। दुनिया का सबसे मजबूत और अटूट रिश्ता मां-बेटे का उस समय धूमिल पड़ गया जब एक मां ने अपने सगे बेटे को सिर्फ इसलिए घर से बाहर निकाल दिया क्योंकि वो बीमार था। पड़ोसियों ने बच्चे को अस्पताल तो पहुंचा दिया लेकिन उपयुक्त इलाज न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई। घटना नई दिल्ली की है। नई दिल्ली के  त्रिनगर इलाके में अवसाद ग्रस्त महिला ने अपने 11 साल के बीमार बेटे को घर से निकाल दिया। घटना को देखकर पड़ोसियों ने कैट्स एम्बुलेंस की मदद से बीमार बच्चे को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया जहां शनिवार को टाइफाइड से उसकी मौत हो गई। घटना के बाद पड़ोसी हैरान है कि कोई कैसे अपने सगे बेटे के साथ ऐसा कर सकता है।

अस्पताल में मौत के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही पुलिस आस पड़ोस में महिला के बारे में पूछताछ कर रही है। खबरों के मुताबिक,  35 साल की सविता का पति तीन साल पहले उसे छोड़कर चला गया था। इसके बाद से वह अपने 11 साल के बेटे मंयक के साथ त्रिनगर स्थित अपने मायके में रहने लगी थी। सविता की मां रुक्मणी देवी ने बताया कि उनकी बेटी अवसाद ग्रस्त हो गई थी। वह अपनी दोबारा शादी करना चाहती थी और इसमें बेटे को बाधा मान रही थी। रुक्मणी के अनुसार सविता की लापरवाही के कारण मयंक कुपोषण का शिकार हो गया। कुछ समय बाद वह भी अवसादग्रस्त हो गया।

बताया जा रहा है कि महिला का बेटा कई दिनों से बीमार चल रहा था। इसी से तंग आकर 12 अक्तूबर को सविता ने अपने बेटे को घर से बाहर निकालकर दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद पड़ोसियों ने लड़के को अस्पताल पहुंचा दिया जहां उपयुक्त इलाज न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई।

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