दिल्ली दंगा मामले में आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई हुई। इमाम के वकील ने कहा की लोकतंत्र में NRC और CAA के विरोध को राजद्रोह नहीं माना जा सकता। इमाम ने भाषण में हिंसा करने के लिए नहीं कहा था। लोकतंत्र में आलोचना की आजादी है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो समाज मर जाएगा। अब सितंबर के पहले हफ्ते में कड़कड़डुमा कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। इमाम ने 2019 में दो विश्वविद्यालयों में दिए भाषणों से जुड़े मामले में जमानत की अर्जी दी है।