Wheat Export: भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, ये है वजह

भारत 2022-23 में 10 मिलियन टन गेहूं का निर्यात करना चाहता था। वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत गेहूं के शिपमेंट को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नौ देशों - मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।

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Wheat Export: भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने वाली एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, “गेहूं की वैश्विक कीमतों में कई कारणों से अचानक उछाल आया है, जिसके परिणामस्वरूप भारत,पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है। हालांकि, निर्यात शिपमेंट जिसके लिए इस अधिसूचना की तारीख को या उससे पहले अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं,उन्हें निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

Wheat Export नीति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है: डीजीएफटी

अधिसुचना के अनुसार, यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। वहीं एक अलग अधिसूचना में, डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की। प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल तथ्य के साथ प्रतिबंधित श्रेणी के तहत रखा गया है।

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2021-22 में गेहूं निर्यात बढ़कर 7 मिलियन टन

इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। बता दें कि मजबूत वैश्विक मांग के कारण 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 7 मिलियन टन हो गया। डीजीएफटी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत शिपमेंट बांग्लादेश को निर्यात किया गया था। पिछले साल इसी अवधि में 130,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 963,000 टन गेहूं का निर्यात किया है।

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2022-23 में 10 मिलियन टन Wheat Export करना चाहता था भारत

भारत 2022-23 में 10 मिलियन टन गेहूं का निर्यात करना चाहता था। वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत गेहूं के शिपमेंट को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नौ देशों – मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। बताते चलें कि पंजाब और हरियाणा में कम आवक के कारण मौजूदा रबी विपणन सत्र में 1 मई तक भारत की गेहूं खरीद भी 44 प्रतिशत घटकर 16.2 मिलियन टन रह गई है। सरकार ने एक साल पहले की अवधि में 28.8 मिलियन टन गेहूं की खरीद की थी। रबी विपणन सीजन अप्रैल से मार्च तक चलता है।

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