बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर मंगलवार को दलित और पिछडा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि शोषण और उत्पीड़न का शिकार समाज के इस तबके के हितों की बात करने का बीजेपी को नैतिक अधिकार नही है। मायावती ने कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें ग़रीब, मज़दूर, किसान, दलित व पिछडा वर्ग की धुर विरोधी है।
बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि इनकी सरकारों में समाज के कमजोर तबके पर उत्पीड़न व अन्याय लगातार होता चला आ रहा है। उसके बाद इन वर्गो के हित व कल्याण के बारे में भाजपा नेताओं को बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। भाजपा के नेताओं को इन वर्गों के बारे में कोई भी बात करने के पहले अपने गिरेबान मे झाँक कर देखना चाहिये कि इनका अपना रिकार्ड कितना ज्यादा जातिवादी व दागदार है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें एवं खासकर उत्तर प्रदेश की सरकार पूर्व की सरकारों से दो क़दम आगे बढकर ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों व पिछडो का शोषण व उत्पीडन कर रहीं है तथा इन वर्गों को इनके जीने का मौलिक अधिकार व आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से भी वंचित रख रही हैं। यही कारण है कि इन्होने आरक्षण के अधिकार को पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है तो दूसरी तरफ सरकार की बडी-बडी परियोजनाएं पूंजीपतियो की निजी क्षेत्र की कम्पनियों को सौंपी जा रही हैं जहाँ आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।
वहीं न्यायपालिका के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों सहित निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की सुविधा की माँग करते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण को नकारात्मक सोच के साथ देखने के बजाए इसे देश में सामाजिक परिवर्तन के व्यापक हित के तहत एक सकारात्मक समतामूलक मानवतावादी प्रयास के रूप में देखना चाहिए। यही कारण है कि बसपा अपरकास्ट समाज व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के ग़रीबों को भी आरक्षण की सुविधा देने की पक्षधर है और इसके लिये संविधान में संशोधन की माँग को लेकर संसद के भीतर व बाहर लगातार संघर्ष करती रही है।