रिलायंस जिओ और आईडिया से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए एयरटेल ने अपने 4जी व्यापार को और विस्तार देते हुए देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने तिकोना नेटवर्क्स के 4जी कारोबार को 1,600 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि भारती एयरटेल तिकोना के 4जी कारोबार का करीब 1,600 करोड़ रुपये के सौदे में अधिग्रहण करेगी। इसमें ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम और पांच सर्किलों में 350 साइटें शामिल हैं।

एयरटेल को इस डील से तिकोना के 2,300 मेगाहर्ट्ज बैंड में गुजरात, उत्तर प्रदेश (पूर्व), उत्तर प्रदेश (पश्चिम), राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सर्किलों में 20 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस अधिग्रहण के बाद एयरटेल 2,300 मेगाहर्ट्ज बैंड में पूरे भारतीय बाज़ार स्तर पर उपस्थिति के साथ एयरटेल रिलायंस जिओ के बाद दूसरी बड़ी कंपनी हो जाएगी। इस डील के बाद गुजरात, उत्तर प्रदेश (पूर्व), उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और हिमाचल प्रदेश में 4जी कारोबार का अधिग्रहण एयरटेल करेगी। राजस्थान सर्किल में यह अधिग्रहण एयरटेल की सहयोगी कंपनी भारती हेक्साकॉम के जरिये होगा।

भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत व दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने इस अधिग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि तिकोना के बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम के एक्विजिशन से कंपनी को खासी मदद मिलेगी। इस अधिग्रहण के बाद हमारी अपनी क्षमताओं टीडी-एलटीई (2,300 मेगाहर्ट्ज में 4जी प्रौद्योगिकी) और एफडी-एलटीई (1,800 मेगाहर्ट्ज और अन्य स्पेक्ट्रम बैंड) को मिलाने से हमारा नेटवर्क और मजबूत होगा। इसके बाद हमें तेज़ इन्टरनेट सेवा प्रदान करने में सहायता मिलेगी।

हालांकि इस अधिग्रहण में क़ानूनी पेंच फंस सकता है क्योंकि तिकोना के एक सह-संस्थापक और हिस्सेदार राजेश तिवारी ने कंपनी को सौदे को अंतिम रूप नहीं देने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। राजेश तिवारी की तिकोना ट्रस्ट में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी है। शेयरधारक ने आरोप लगाया गया है कि तिकोना-एयरटेल सौदे के बाद प्रत्येक शेयरधारक की हिस्सेदारी के अनुपात को स्पष्ट नहीं किया गया है।

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