किसानों के साथ राजनीति कोई नई बात नहीं है। किसानों के आन्दोलन और नेताओं की सियासत के बीच कुछ ऐसा ही पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया है।  दरअसल सीएम कैप्टन अमरिंदर ने अपने अभिभाषण के दौरान तो कहा कि पंजाब सरकार 5 एकड़ तक की खेती की जमीन वाले किसानों का सारा कर्जा माफ करने जा रही है, लेकिन उससे थोड़ी देर बाद जब मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से उनका प्रेस रिलीज जारी की गई तो इसमें कुछ और ही लिखा था। प्रेस रिलीज में साफ लिखा था कि माफ किया जाने वाला कर्ज सिर्फ दो लाख रुपए तक का होगा यानी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन में अपनी जो बात कही उससे वो अपनी प्रेस रिलीज में पलट गए।

आपको बता दें कि इस साल मार्च में पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रमुख चुनावी वादों में से किसानों की कर्जमाफी एक सबसे बड़ा वादा था। गौरतलब है कि पंजाब सरकार के इस प्रेस रिलीज में साफ लिखा है कि 5 एकड़ तक की जमीन वाले किसानों का सिर्फ दो लाख रुपये का कर्जा और छोटे किसानों का भी दो लाख रुपये तक का ही कर्जा माफ किया जा रहा है। जबकि  सदन में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहीं भी ये नहीं कहा कि 5 एकड़ की जमीन वाले किसानों का सिर्फ 2 लाख रुपया ही कर्ज माफ किया जाएगा।  अमरिंदर ने कहा कि “राज्य में आत्महत्या करनेवाले सभी किसान के परिवारों का सारा ऋण उनकी सरकार चुकाएगी।”  उन्होंने यह भी कहा कि आत्महत्या करनेवाले किसान के परिवार को दी जानेवाली अनुदान की रकम को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कि माने तो इससे पांच एकड़ तक जमीन वाले 8.75 लाख किसानों सहित 10.25 लाख किसानों को फायदा होगा।  उन्होंने कहा कि  हमने यह फैसला प्रख्यात अर्थशास्त्री टी. हक के नेतृत्व वाले विशेषज्ञ समूह की अंतरिम रिपोर्ट के आधार लिया है।

इसके अलावा गैर-संस्थागत संसाधनों से उठाए गए ऋणों के लिए और किसानों को ऋण राहत के लिए, सरकार ने ‘पंजाब कृषि निपटान अधिनियम’ की समीक्षा करने का निर्णय लिया है ताकि पारस्परिक स्वीकार्य तरीके से ऋण का निपटारा कर किसानों को वांछित राहत प्रदान की जा सके, जो ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों पर वैधानिक रूप से बाध्यकारी होगा। इस अधिनियम की समीक्षा करने के लिए सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन भी कर दिया है।

इन सबके बीच हैरान करने वाली एक और बात यह भी रही कि  सीएम अपनी पेपर पर लिखी स्पीच देखकर पढ़ रहे थे, लेकिन उनकी स्पीच की कॉपी भी मीडिया गैलरी में बैठे पत्रकारों को नहीं दी गई थी।

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