Allahabad High Court ने मेसर्स हवेलियां बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जारी वसूली आदेश पर लगाई रोक

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Allahabad High Court

Allahabad High Court ने मेसर्स हवेलियां बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रेरा अधिकरण लखनऊ द्वारा जारी वसूली आदेश 19 फरवरी 2021 पर रोक लगा दी है। अधिकरण ने इस आदेश से बिल्डर को फ्लैट मालिकों को कब्जा सौंपने में देरी करने पर पैसा वापस करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कंपनी की याचिका को विधिक मुद्दे पर सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया है।

प्रोजेक्ट तीन साल में पूरा होना था

याचिका की सुनवाई 11 जनवरी 2022 को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अली जामिन ने मेसर्स हवेलियां बिल्डर्स की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि रेरा अधिकरण ने दोनों पक्षों के बीच हुए करार की अनदेखी कर आदेश दिया है जो विधि विरुद्ध, मनमाना पूर्ण व क्षेत्राधिकार से बाहर है। प्रोजेक्ट तीन साल में पूरा होना था। 12 दिसंबर 2014 को आवंटन हुआ।

12 दिसंबर 2017 तक प्रोजेक्ट पूरा होना था।12 जून 2018 तक ग्रेस पीरियड था। 25 मई 2018 को याची ने काम पूरा होने का प्रमाणपत्र जारी करने की अर्जी दी। अर्जी समय के भीतर है। विपक्षी का कहना था कि 17 सितंबर 2013 को काम मिला। 17 सितंबर 2016 को प्रोजेक्ट पूरा होना था, पूरा नहीं किया गया। याची का कहना था कि करार शर्तों के तहत काम पूरा होने के प्रमाण पत्र जारी करने की अर्जी दी गई थी।

प्रमाणपत्र देने में आपत्तियों के कारण देरी हुई। दूसरे की गलती का खामियाजा याची को भुगतने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। करार की शर्तों के विपरीत अधिकरण के निष्कर्ष विधि सम्मत नहीं है। कोरोना लॉकडाउन पर भी विचार नहीं किया गया। ओम प्रकाश महतो व मंजू महतो ने अधिकरण में दावा किया था। जिस पर पारित अवॉर्ड को चुनौती दी गई है।

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