कहते हैं प्रकृति अपने पास कुछ नहीं रखती है। प्रकृति की सुंदरता के साथ खिलवाड़ किया जाता है तो वो बदला लेने में पीछे नहीं हटती है। ये पहाड़, नदियां और झरने सब प्रकृति की सुंदरता है। इतिहास है। देश के पहाड़ों में इतिहास छुपा है, देवी-देवताओं से जुडी कहानियां हैं। परंतु आज के समय में मानव इन्हें नष्ट करने में जुटा है जिससे देश में आपदा आने लगी है।

आज हम यहां पर पहाड़ों की बात कर रहे हैं। कहानियों के अनुसार पहाड़ देवों के देव महादेव का घर है उनका स्थान है। इसके बाद भी लोग पहाड़ों के साथ खेल रहे हैं शायद इसलिए भी भूस्खलन, ग्लेशियर टूटना आम हो गया है।

अभी हाल ही में देवभूमि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटन से भारी तबाही मची है। यहां पर 25 लोगों की मौत हो चुकी है। 175 लोग लापता हैं। जोशीमठ के पास स्थित नंदादेवी ग्लेशियर टूट के ऋषि गंगा नदी में गिर गया था जिसके बाद लोगों का आपदा का सामना करना पड़ा था।

ये कहानी तो छोटे मोटे पहाड़ों की है। दुनिया में कई ऐसे हिमालय हैं जिन्हें हम जानते ही नहीं है। इनके रहस्य से विज्ञानिक भी अंजान हैं। आज यहां पर हम आप को कुछ रहस्यमयी हिमालय की कहानियां बताने आये हैं।

जब चर्चा हिमालय पर्वत की होती है तो सबसे पहले मानसरोवर, कैलाश, अमरनाथ आदि हिमालय का नाम लिया जाता है। इन सब से इतर कई ऐसे हिमालय हैं जो अपने आप में विशाल और रहस्यों से भरपूर हैं। कई बार वैज्ञानिक इनमें से एक-दो जगहों पर पहुंचने की कोशिश की है। इस काम में भी वैज्ञानिकों को सफलता नहीं मिल पाई है। यदि आप भी इस रहस्यमई हिमालय को नहीं जानते हैं तो हम आप को यहां बता रहे हैं।

टाइगर नेस्ट मठ

compressed

यह मठ खड़ी चट्टान के किनारे स्थित है। इस मठ के मध्य में एक गुफा है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु पद्मसंभव ने तीन साल, तीन महीने, तीन दिन और तीन घंटे तक कठिन तपस्या की थी। गुरु पद्मसंभव दूसरे बुद्ध के रूप में जाने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है बाघिन पर चढ़कर गुरु पद्मसंभव इस गुफा तक पहुंचे थे। अतः इसे टाइगर मठ के नाम से जाना जाता है। सन 1962 में मठ को बनाया गया, जो आज भी अवस्थित है।

गुरुडोंगमार झील

gurudongmar lake

इस झील का संबंध गुरु पद्मसंभव है। ऐसा माना जाता है कि स्थानीय लोगों के अनुरोध पर गुरु पद्मसंभव ने झील एक हिस्से पर हाथ रखा। इसके बाद से कड़ाके सर्दी के दिनों में भी यह झील का यह स्थान नहीं जमता है। बाकी पूरा झील जम जाता है। यह झील भी सदियों से स्थानीय लोगों के लिए जल का साधन है।  गुरु पद्मसंभव को तांत्रिक भी माना जाता है।

ज्ञानगंज

Gyangan

आधुनिक समय में ज्ञानगंज तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के निकट स्थित है। इस स्थान के बारे में सर्वप्रथम स्वामी विशुद्धानंद परमहंस ने लोगों को जानकारी दी थी। कहा जाता है कि, इस जगह पर आज भी भगवान राम, श्रीकृष्ण, बुद्ध आदि शरीर रूप में उपस्थित हैं। इसके साथ ही इस आश्रम में महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, महायोगी गोरखनाथ, श्रीमद शंकराचार्य, भीष्म, कृपाचार्य, कणाद, पुलस्त्य, अत्रि आदि को भौतिक रूपों में देखा जा सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस जगह पर एक आश्रम है, जिसका निर्माण विश्वकर्मा जी ने की है।

कोंगका ला दर्रा

%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%95%E0%A4%BE %E0%A4%B2%E0%A4%BE %E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE

हिमालय की गोद में बसा कोंगका ला दर्रा, लद्दाख में स्थित है। इस जगह पर जाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यह दर्रा बर्फ से ढ़की है। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद एक सहमति बनी। इस सहमति के तहत दोनों देशों के सैनिक इस जगह पर मार्च नहीं कर सकते हैं, बल्कि दूर से ही इसकी निगरानी कर सकते हैं। उस समय से यह जगह वीरान है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ सिद्ध पुरुष कोंगका ला दर्रा पर जाते हैं। जहां उन्हें उड़न तश्तरी देखने को मिलता है। अगर कोई व्यक्ति उड़न तश्तरी देखना चाहता है तो कोंगका ला दर्रा में इसे देख सकता है क्योंकि इस जगह पर हर महीने एलियंस आते हैं। लोगों की आवाजाही कम होने की वजह से एलियंस अपनी उड़न तस्तरी लेकर कोंगका ला दर्रा आते-जाते रहते हैं। विज्ञान अब तक उड़न तश्तरी की पहेली को सुलझा नहीं पाया है। इसलिए कोंगका ला दर्रा में एलियंस के आने का रहस्य अब भी बरकरार है।

गंगखर पुनसुम

Gangkhar Puensum

यह दुनिया में सबसे ऊंचा पर्वत है और आज तक इस पर्वत शिखर पर कोई पहुंच नहीं पाया है। यह पर्वत भूटान में है। इस पर्वत पर अर्धमानव यति रहता है। । दुनिया में यह इकलौता पर्वत है, जिसकी चोटी पर कोई नहीं चढ़ सका है। तिब्बत के लोग इससे डरते हैं और इसकी पूजा करते भी हैं। वहीं, तिब्बती लोग ऊंचे पहाड़ों को भगवान मानते हैं। इसके लिए भी लोगों को “गंगखर पुनसुम” की चोटी पर  जाने की अनुमति नहीं है। वहीं कई बार पर्वतारोहियों सहित स्थानीय लोगों ने भी यति देखने का दावा किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here