UP By-Polls 2022: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का आज ऐलान कर दिया है। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाया है। दरअसल, मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हो गई है। जिसके कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। मैनपुरी सीट पर दशकों से सपा का राज रहा है। ऐसे में अब मुलायम सिंह की राजनीतिक विरासत को बहू डिम्पल संभालेंगी।
UP By-Polls 2022: मैनपुरी और यादव परिवार का है पुराना नाता
मैनपुरी सीट का जब भी जिक्र हो और यादव परिवार का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। साल 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था। 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिनों बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी। इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे।
2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते। इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों मैनपुरी और आजमगढ़ से लड़ा। इस बार फिर मुलायम सिंह यादव ने ये सीट छोड़ दी। जिस पर हुए उपचुनाव में मैनपुरी से तेजप्रताप यादव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह फिर मैनपुरी सीट से जीते थे।
UP By-Polls 2022: मैनपुरी सीट पर हमेशा रहा मुलायम का दबदबा
मैनपुरी सीट पर हमेशा से ही मुलायम सिंह का जादू चला है। मैनपुरी सीट के रास्ते यादव परिवार की तीन पीढ़ियों ने संसद का सफर तय किया है। मुलायम सिंह के सामने चुनाव में कोई भी सामने खड़ा रहा हो, लेकिन हमेशा मैनपुरी की जनता ने ‘नेता जी’ को ही चुना है।
बता दें कि इस सीट पर सवा चार लाख यादव, शाक्य करीब तीन लाख, ब्राह्मण एक लाख मतदाता, ठाकुर दो लाख है। वहीं, दलित 2 लाख, इनमें से 1.20 लाख जाटव, 1 लाख लोधी, 70 हजार वैश्य और एक लाख मतदाता मुस्लिम है। इस सीट पर यादवों और मुस्लिमों का एक तरफा वोट सपा को मिलता है।
UP By-Polls 2022: डिम्पल यादव के प्रत्याशी बनने पर बीजेपी ने कसा तंज
डिम्पल यादव के मैनपुरी से प्रत्याशी बनने पर बीजेपी ने अपनी बयानबाजी से हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा में कार्यकर्ता तो केवल जिंदाबाद-मुर्दाबाद नारे लगाने के लिए बचे हैं, चुनाव लड़ने का अधिकार केवल सैफई कुनबे के पास, मैनपुरी में इस बार बीजेपी का कमल खिलेगा।
बताते चले कि डिम्पल यादव ने अपना पहला चुनाव साल 2009 में लड़ा था। तब अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ी था। इस उपचुनाव में डिम्पल यादव को मशहूर अभिनेता और राजनेता राज बब्बर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। जिसमें डिम्पल निर्विरोध जीत गई थी। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिम्पल यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा और जीती। हालांकि, उन्हें साल 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिम्पल को करीब 10 हजार वोटों से शिकस्त दी थी।
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