सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को लगाई फटकार, कहा- इनके विधायकों को…

न्याय का पतन नहीं होने देगी न्यायपालिका- उद्धव

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Shinde vs Uddhav
Shinde vs Uddhav

Shinde vs Uddhav: महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सीएम शिंदे बनाम उद्धव विवाद लगातार जारी है। दोनों ही गुट के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। वहीं, शिंदे बनाम उद्धव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। आज यानी बुधवार को भी इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की और सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों को लेकर सवाल उठाया। उम्मीद जताई जा रही है कि कल यानी गुरुवार को 9वें दिन सुनवाई पूरी हो जाएगी।
कोर्ट ने आज शिंदे के विधायकों को लेकर सवाल किया कि यदि शिंदे गुट के विधायकों को उद्धव के कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन पर एतराज था तो वह 3 साल तक सरकार के साथ क्यों रहे? उद्धव ठाकरे का भी बयान सामने आया है।

Shinde vs Uddhav: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
Shinde vs Uddhav: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Shinde vs Uddhav: सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर हो रही है सुनवाई

आपको बता दें कि दरअसल, एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून में शिवसेना में बगावत कर दी थी। उसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इसके कारण उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी पार्टी में भी दो फाड़ हो गया। इसके बाद उद्धव गुट ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। आज कोर्ट ने कहा कि यदि शिंदे गुट के विधायकों को उद्धव के कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन पर एतराज था तो वह 3 साल तक सरकार के साथ क्यों रहे? सीजेआई ने कहा कि अचानक से 34 लोग कहने लगते हैं कि यह सही नहीं है।

कोर्ट ने राज्यपाल को लेकर भी अपनी बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को अपनी शक्ति का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि विश्वास मत बुलाने से सरकार गिर सकती है। ऐसे में किसी भी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल को सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बता दूं कि इस समय सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट करने के लिए कहने और विधायकों को बर्खास्तगी नोटिस जारी करने समेत अन्य मुद्दो पर सुनवाई चल रही है।

मालूम हो कि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए सीएम एकसाथ शिंदे को तीर-कमान का चुनाव चिन्ह भी दे दिया था।

न्याय का पतन नहीं होने देगी न्यायपालिका- उद्धव
वहीं, उद्धव ठाकरे की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि उन्हें संविधान और कोर्ट पर भरोसा है। उद्धव ने कहा “महाराष्ट्र को मोदी जी ने नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने आकार दिया था। लोकतंत्र के 3 स्तंभ ध्वस्त हो गए हैं। मीडिया के हाथ में कलम की जगह कमल है। केवल न्यायपालिका और सर्वोच्च न्यायालय ही उम्मीद बची है। न्यायपालिका न्याय का पतन नहीं होने देगी।”

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