मनी लॉन्ड्रिंग मामले में Satyendra Jain की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी, 16 नवंबर को आएगा फैसला

इससे पहले अप्रैल में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की कुर्की की थी।

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Satyendra Jain
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Satyendra Jain: दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है, जिस पर 16 नवंबर की दोपहर 3 बजे फैसला सुनाया जाएगा। कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद फैसला अपने पास रख लिया। सुनवाई के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध किया।

Satyendra Jain: 30 मई को AAP मंत्री को किया गया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले अप्रैल में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की कुर्की की थी। इसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी, 16 नवंबर को आएगा फैसला

Satyendra Jain: इस मामले से जुड़े 2 आरोपियों की याचिका पर भी हुई सुनवाई

बता दें कि सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दो आरोपियों ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से उनकी जमानत मंजूर करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दलील दी कि उन्हें अब और समय तक हिरासत में रखने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। आरोपी अंकुश जैन और वैभन जैन ने विशेष न्यायाधीश विकास ढुल से कहा कि जांच के लिए अब उन्हें और हिरासत में रखे जाने की जरूरत नहीं है। बता दें कि ये दोनों आरोपी आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन से के साथ तिहाड़ जेल में हैं।

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Satyendra Jain: क्या है जैन पर आरोप

सत्येंद्र जैन पर आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था। जैन के प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन ने सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम पर कर दिए थे।

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