Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में अब बाहरी भी डाल सकेंगे वोट! महबूबा बोलीं- BJP को फायदा पहुंचाने की कोशिश

केंद्र सरकार के इस फैसले पर पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर निशाना साधा है।

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Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि गैर कश्मीरी लोग जो राज्य में रह रहे हैं, वे भी अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें अब निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। यह जानकारी जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने दी है। इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में तैनात जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।

कुमार ने कहा, “370 के निरस्त होने के बाद, जो पहले वोट नहीं दे सकते थे, वे अब मतदाता के रूप में पंजीकरण कर सकते हैं। हम अंतिम सूची में (20-25 लाख) नए मतदाताओं के जुड़ने की उम्मीद कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत के सभी राज्यों के लिए है, जम्मू-कश्मीर में रहने वाला या काम करने वाला कोई भी व्यक्ति वहां मतदान कर सकता है। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह निर्णय क्षेत्र में भाजपा की “असुरक्षा” दिखाता है।

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पूर्व सीएम ने लिखा, “क्या भाजपा जम्मू-कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? इनमें से कोई भी चीज भाजपा की मदद नहीं करेगी जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा।”

Jammu Kashmir News: कब से शुरू होगी प्रक्रिया?

हृदेश कुमार ने बताया कि 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है। उन्होंने कहा कि इसमें 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग हैं, जबकि अंतिम मतदाता सूची के अनुसार सूचीबद्ध मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है। हृदेश कुमार ने कहा कि 25 लाख नए वोटरों का नाम इस लिस्ट में शामिल होने की संभावना है।

वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले पर पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का निर्णय, पहले भाजपा के पक्ष में संतुलन को झुकाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करना है जो स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इनका असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।

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