Allahabad High Court ने Mau विधानसभा से 5 बार के विधायक और बाहुबली Mukhtar Ansari की उत्तरप्रदेश के बांदा जिला जेल में गिरोहबंद कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) दायर कर गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज मामले में नजरबंदी को अवैध करार देते हुए कोर्ट में पेश किए जाने की गुहार लगाई है। याचिका पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगने वाला यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी (MC Tripathi) तथा न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी (Subhash Vidyarthi) की खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी की याचिका पर दिया है।
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी का कहना था कि याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है। जब कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय का कहना था कि याचिका स्वीकार करने के योग्य है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के गौतम नौलखा केस का हवाला दिया। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रकरण विचारणीय है और राज्य सरकार को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
फिलहाल मुख्तार अंसारी उत्तरप्रदेश के बांदा जेल में बंद हैं। मऊ से विधायक पर उत्तर प्रदेश में हत्या के प्रयास और हत्या सहित कई मामलों में मुकदमे चल रहे हैं।
मायावती ने टिकट काटा
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो Mayawati ने पिछले महीने कहा था कि पार्टी किसी भी माफिया या बाहुबली को टिकट नहीं देगी। इसी चलते उन्होंने आजमगढ़ मण्डल की Mau विधानसभा से विधायक और बाहुबली Mukhtar Ansari का टिकट काट दिया गया था।
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