Vivah: विवाह करने में हो रहा है विलंब, जानिए क्‍यों बनता है देरी का योग और कैसे इससे पाएं मुक्ति ?

Vivah: ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार कुंडली में मांगलिक होना, पितृदोष होना या काल सर्पदोष होना विवाह में विलंब का कारण बनता है।

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Vivah: विवाह एक ऐसा बंधन, जिसके बाद आपकी जिंदगी की नई शुरुआत होती है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्‍चे का विवाह अच्‍छे घर में हो, लेकिन कई बार लाख चाहने के बाद भी विवाह होने में देरी होती है। इसी विलंब के चलते कई बार लोगों को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है।ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार विवाह में विलंब होने कई कारण होते हैं।उनमें से एक कारण कुंडली के ग्रहों को भी माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि कुंडली में विवाह के योग जब किसी कारणवश टल जाते हैं तो दोबारा योग बनने में समय लगता है।आइए जानते हैं कि क्‍यों विलंब होता है विवाह के योग में?

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Vivah: विलंब होने की वजहें

  • Vivah: ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार कुंडली में मांगलिक होना, पितृदोष होना या काल सर्पदोष होना विवाह में विलंब का कारण बनता है।
  • इसके साथ ही जब सूर्य, मंगल या बुध लग्‍न या लग्‍न के स्‍वामी पर दृष्टि डालें और गुरु 12वें भाव में विराजमान हो। तब भी विवाह में विलंब के योग बनते हैं।
  • प्रथम या चतुर्थ भाव में मंगल और सप्‍तम भाव में शनि हो तब भी जातक विवाह के प्रति उदासीन रहता है।
  • कमजोर चंद्रमा होने से विवाह में देरी होती है।
  • कुंडली के सप्‍तम भाव में बुध और शुक्र की युति हो तो भी विवाह तय होने में बाधाएं आतीं हैं।
  • कुंडली में गुरु कमजोर अथवा नीच का होकर बैठा हो, तब भी विवाह में देरी होती है।

Vivah: शीघ्र विवाह के उपाय

  • मंगल दोष होने पर कुंभ विवाह करवाया जाता है।
  • पितृदोष होने पर शिव जी के मंदिर पूजा-अर्चना करें।
  • लड़कों को कुंडली में शुक्र दोष के उपाय करने चाहिए। वहीं लड़कियों को गुरु के उपाय करने चाहिए।
  • शनिवार को पीपल की पूजा करें
  • गुरुवार को हल्‍दी की गांठ लेकर केले के पेड़ की पूजा करें।
  • अपने माथे पर केसर, हल्‍दी और चंदन का तिलक करें।
  • मां पार्वती की पूजा करें, मंगलागौरी का पूजन करें।
  • सिंदूर लेकर भगवान श्रीराम और सीता के मंदिर में जाएं। उनके चरणों में सिंदूर अर्पित कर अपने शीघ्र विवाह की कामना करें।
  • प्रत्‍येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्‍दी डालकर स्‍नान करें।
  • श्री हनुमान जी महाराज की पूजा करें, सुंदर कांड का पाठ करे।

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